Right To Repair: नए वर्ष के आगाज के पहले ही मोदी सरकार ने देश भर के उपभोक्ताओं को बड़ा तोहफा दिया है। इससे हर किसी व्यक्ति को फायदा होगा। अब उत्पादक कंपनियां आपके साथ ठगी नहीं कर पाएंगी।
एफसीआई ने एक बयान में कहा कि 3.51 लाख टन खाद्यान्न में 1.74 लाख टन प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत और बाकी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत दिया गया है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अब खुले बाजार में 110 रुपए कुंटल कम भाव पर गेहूं बेचेगा।
एफसीआई संचालन के लिए अनाज भंडारण की निरंतर देखरेख जरूरी होती है, जिसकी आर्थिक जरूरतें केंद्र द्वारा इक्विटी या दीर्घकालिक ऋण के माध्यम से पूरी की जाती हैं।
जून महीने की शुरुआत हो गई, लेकिन अभी तक बिहार के सात जिलों में किसानों से छटांक भर गेहूं की भी अधिप्राप्ति (सरकारी खरीद) नहीं हुई है।
सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये सस्ती दरों पर 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एक किलो चीनी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है।
सरकारी एजेंसियों ने चालू रबी विपणन वर्ष (2019-20) में देशभर के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 323 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद कर ली है।
सरकार ने इस साल किसानों से गेहूं की खरीद का जो लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है वह 95.32 प्रतिशत पूरा हो चुका है। भारतीय खाद्य निगम के मुताबिक 9 मई तक देशभर में कुल 3.05 करोड़ टन गेहूं की खरीद हो चुकी है और कई राज्यों में किसानों से अब भी गेहूं खरीदा जा रहा है। किसानों से यह खरीद 1735 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर हो रही है
इस साल पंजाब और हरियाणा में गेहूं खरीद का नया रिकॉर्ड बना है, फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 3 मई तक देशभर में कुल 281.74 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।
केंद्र सरकार ने इस साल (रबी मार्केटिंग सीजन 2018-19) किसानों से गेहूं खरीद के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है वह लगभग 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है। भारतीय खाद्य निगम की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पहली मई तक देशभर में किसानों से 270.40 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है
भारतीय खाद्य निगम की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 24 अप्रैल तक सरकारी एजेंसियों ने देशभर से कुल 205.17 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली है। इस साल पूरे सीजन के दौरान सरकार ने 320 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है।
18 अप्रैल तक सरकारी एजेंसियों ने देशभर से कुल 107.48 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली है। इस साल पूरे सीजन के दौरान सरकार ने 320 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। यानि 18 अप्रैल तक सराकरी एजेंसियों ने गेहूं खरीद का लक्ष्य एक तिहाई पूरा कर लिया है
10 अप्रैल तक सरकारी एजेंसियों ने देशभर से कुल 22.79 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली है। यह खरीद 1735 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर हो रही है
सरकारी एजेंसियों ने पिछले साल पूरे देश से 308.24 लाख टन गेहूं की खरीद की थी जिसमें से सबसे अधिक पंजाब से 117.06 लाख टन, हरियाणा से 74.32 लाख टन और मध्य प्रदेश से 67.25 लाख टन की खरीद हुई थी
12 दिसंबर तक पंजाब से कुल 176.22 लाख टन, हरियाणा से 59.21 लाख टन, छत्तीसगढ़ से 17.16 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 16.58 लाख टन धान की खरीद हुई है
23 नवंबर तक पंजाब में एजेंसियों ने 172.31 लाख टन धान खरीदा है जो अबतक की सबसे अधिक खरीद है, इसके अलावा हरियाणा में 59.19 लाख टन की खरीद हुई है
फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक पहली नवंबर तक केंद्रीय पूल में कुल 238.50 लाख टन गेहूं का स्टॉक दर्ज किया गया है,
इस साल गेहूं की पैदावार के सारे रिकॉर्ड टूटे हैं और रिकॉर्ड तोड़ पैदावार से सरकार ने भी गेहूं की रिकॉर्ड तोड़ खरीद की है जिससे सरकारी गोदाम भरे हुए हैं
FCI ने कहा अनाज रखने के लिये जगह की कोई कमी नहीं है और देश की कुल भंडारण क्षमता 773 लाख टन तक पहुंच चुकी है।
FCI ने लघु अवधि के लिए 20,000 करोड़ रुपए का ऋण जुटाने के लिए अनुसूचित बैंकों से निविदा आमंत्रित की है ताकि वह खरीद की लागत को पूरा कर सके।
लेटेस्ट न्यूज़