फरवरी महीने में थोक मुद्रास्फीति 2.93 प्रतिशत तथा पिछले साल मार्च महीने में 2.74 प्रतिशत रही थी। मार्च 2019 के दौरान खाद्य पदार्थों और सब्जियों के दाम में तेजी देखने को मिली।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति तीन महीने के निचले स्तर पर जाकर नवंबर में 4.64 प्रतिशत पर रही।
थोक महंगाई दर में कमी आने से भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से मौद्रिक नीति के कठोर होने की आशंका कुछ कम हुई है। यानि होमलोन और कारलोन की दरों में बढ़ोतरी होने की आशंका घट गई है
थोक मूल्य आधारित महंगाई दर में पांच महीने के बाद पहली बार इजाफा देखने को मिला है। इसकी प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजों की कीमतों का बढ़ना है।
अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति की दर घटकर 3.39 प्रतिशह रही, यह लगातार दूसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है।
सब्जियों के साथ अन्य खाद्य वस्तुओं के दामों में कमी से सितंबर माह में थोक मुद्रास्फीति घटकर 3.57 प्रतिशत पर आ गई है। अगस्त में यह 3.74 प्रतिशत पर थी।
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