घरेलू बाजार में मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं की बिक्री की प्रगति पर बृहस्पतिवार को खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह बात कही गई।
गेहूं की कीमतें थोक बाजार में 31 रुपये के पार निकल गई हैं वहीं आटा 38 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है। कीमतों को थामने के लिए सरकार अब मिलों को सस्ता गेहूं बेचने जा रही है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 27 दिसंबर को गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 32.25 रुपये प्रति किलोग्राम था।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर से शुरू हुए रबी सत्र में पिछले हफ्ते तक गेहूं खेती का रकबा तीन प्रतिशत बढ़कर 286.5 लाख हेक्टेयर हो गया।
Wheat Flour Exports Ban: सरकार ने बढ़ती कीमतों (Rate) पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं का आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर रोक लगा दी है।
भारतीय रोलर आटा मिलर्स महासंघ (आरएफएमएफ) ने वादा किया है कि वे कीमत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे।
इस साल गेहूं की पैदावार के सारे रिकॉर्ड टूटे हैं और रिकॉर्ड तोड़ पैदावार से सरकार ने भी गेहूं की रिकॉर्ड तोड़ खरीद की है जिससे सरकारी गोदाम भरे हुए हैं
सरकार ने गुरुवार को कहा कि एक जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू हो जाने के बाद खाद्यान्न, आटा, दूध, सब्जियां और फल पांच प्रतिशत तक सस्ते हो जाएंगे।
मैगी पर प्रतिबंध से सिर्फ नेस्ले को नहीं आटा मिलों को भी नुकसान हुआ है। इंडस्ट्री के मुताबिक मैगी प्रतिबंध से मिलों को हर महीने छह करोड़ का नुकसान हुआ है।
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