दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान के पार पहुंचने के बाद जीआरएपी-3 लागू किया गया है। इसके तहत दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बौद्ध नगर सहित पूरे दिल्ली-एनसीआर में गैर-जरूरी निर्माण कार्य, पत्थर तोड़ने और खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है।
सुरक्षा कर्ज में डूबी जेपी समूह की कंपनी में 250 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है, साथ ही अगले चार वर्षों में फ्लैटों को पूरा करने के लिए 3,000 करोड़ रुपये का ऋण भी दे रही है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों ऐसे होम बायर्स हैं जो बिल्डर के बकाये के कारण अपने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं, जबकि वह पूरा पैसा दे चुके हैं।
रियल एस्टेट मामलों के विशेषज्ञ प्रदीप मिश्रा ने इंडिया टीवी को बताया कि अगर आप एंड यूजर्स हैं और अपने रहने के लिए घर खरीद रहें हैं तो नई प्रॉपर्टी लेना फायदे का सौदा होगा।
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ऐसे मकानों की बिक्री तीन गुना हो गई। समीक्षाधीन अवधि में ऐसे 1,050 मकान बेचे गए, जबकि पिछले साल की समान अवधि में ऐसे 350 मकानों की बिक्री हुई थी।
कोरोना महामारी के बाद देश के सात प्रमुख शहरों में बेहतर सुविधाओं वाले बड़े अपार्टमेंट की भारी मांग है।
बारिश के मौसम में बिक्री बढ़ाने के लिए बिल्डर कई तरह की डील की पेशकश करते हैं। इसमें कैश डिस्काउंट से लेकर सामान और डेकोरेशन शामिल होता है।
रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि कोविड-19 महामारी ने लोगों के काम करने, सीखने और जीने के तरीके को बदल दिया है, जिससे आवास की मांग में बदलाव आया है।
रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘रेपो दर को यथावत रखने के फैसले से घरों की बिक्री की रफ्तार बनी रहेगी। अबतक 2023 में आवास क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।’’
आंकड़ों के अनसार, सर्वे में शामिल 50 शहरों में से सात शहरों में घरों के दाम नीचे आए हैं। आवास ऋण पर ब्याज दर कोविड-पूर्व के समय से भी कम बनी हुई हैं, जिससे इस क्षेत्र में वृद्धि बनी हुई है।
कोरोना के बाद, वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने बड़े घरों की मांग बढ़ाई है। प्रॉप इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, शीर्ष शहरों में 3 बीएचके यूनिट की मांग में 30% से 35% की उछाल आया है।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष घरों का निर्माण सबसे ज्यादा दिल्ली-एनसीआर में होगा, जिसके बाद मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) है। दिल्ली-एनसीआर में इस वर्ष 1,70,100 घरों का निर्माण पूरा होने की संभावना है।
अगर आप अपने सपने का आशियाना बुक करने की सोच रहें हैं और इस बात को लेकर असमंजस है कि रेडी टू मूव लें या अंडर कंस्ट्रक्शन तो हम इस समस्या का हल बता रहे हैं।
आज कल चर्चा का बाजार गर्म है कि मकान नहीं खरीद कर, उस रकम का सिप करा लें। सिप पर आपको 20 साल में ज्यादा रिटर्न मिलेगा और आप रिटायरमेंट के समय कई मकान खरीद लेंगे। हालांकि, कई वित्तीय जानकारों का कहना है कि यह सही नहीं है।
11 अगस्त 2022 से पहले सेक्टर 102, 115, 158 और 162 आदि सेक्टरों में आवासीय प्लॉट की कीमत 36200 वर्ग मीटर थी। ई श्रेणी वाले इन सेक्टरों में अब प्लॉट खरीदने का बेस प्राइस ही 45,380 रुपए वर्गमीटर हो गया है। उस पर भी ईऑक्शन के दौरान नीलामी होगी और इस बेस्ट प्राइस से ऊपर जो बढ़-चढ़कर बोली लगाएगा, उसे ही वह प्लॉट दिया जाएगा।
ई-श्रेणी के आवासीय सेक्टरों के सबसे अधिक दस प्रतिशत का इजाफा किया गया है। ए-प्लस श्रेणी की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
घर खरीदने को इच्छुक 95 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना है कि आवास ऋण (होम लोन) पर इस साल और ब्याज दर बढ़ने से मकान खरीदने का उनका निर्णय प्रभावित होगा।
गोदरेज प्रॉपर्टीज के कार्यकारी चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज ने कहा, बीते वित्त वर्ष में कंपनी के अच्छे प्रदर्शन की वजह यह है कि हमारे पास देशभर में परियोजनाओं का मजबूत पोर्टफोलियो है।
यदि आप 1बीएचके फ्लैट का बुकिंग करने जा रहे हैं और उसका साइज 700 वर्ग फीट है। इसका कारपेट एरिया का क्षेत्रफल निकालने के लिए डेवलपर्स की ओर से मिले फ्लैट का ब्रॉशर को लें। उसमें से उस फ्लैट का लेआउट प्लान को देखे और कारपेट एरिया के स्पेस का गणना करें।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय सलाहकार परिषद ने करीब एक साल पहले इस तरह की समिति बनाने का फैसला किया था।
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