रियल एस्टेट के बड़े मार्केट नोएडा और ग्रेटर नोएडा में नवरात्रि के दौरान रजिस्ट्री का आंकड़ा पिछले नवरात्र के मुकाबले तीन गुना पहुंच गया है। इससे न सिर्फ अथॉरिटी को करोड़ों रुपये का रेवेन्यू मिल रहा है बल्कि रियल एस्टेट कारोबारी भी बेहद खुश हैं।
दिग्गज रियल्टी एक्सपर्ट राकेश यादव कहते हैं कि घर हम बार-बार नहीं खरीदते हैं। पूरी जिंदगी में बहुत सारे लोग एक बार ही घर खरीदते हैं। इसलिए कभी भी घर खरीदेने का फैसला ऑफर या छूट की लालच में नहीं करें। अपनी जरूरत को समझें और सही डेवलपर्स का चयन कर फ्लैट की बुकिंग करें।
वेव सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव गुप्ता ने कहा, ‘‘ हम 70 लाख वर्ग फुट एरिया में 8000 से 9000 फ्लैट बनाएंगे। पिछले 12 महीने में टाउनशिप वेव सिटी में प्रीमियम फ्लैट के लिए खरीदारों की मांग तेजी से बढ़ी है।''
डीडीए की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, तीन नई हाउसिंग स्कीम में फ्लैट की शुरुआती कीमत 11.5 लाख रुपये होगी। ये फ्लैट्स दिल्ली के रामगढ़ कॉलोनी, सिरासपुर, लोकनायकपुरम, रोहिणी और नरेला में हैं।
प्रॉपर्टी को शॉर्टलिस्ट करने के बाद, वेबसाइटों पर दिए गए विवरण को जांच करने के बाद उस प्रोजेक्ट और फ्लैट को खुद से जाकर देखें। आस-पास के इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे या मेट्रो स्टेशन से कनेक्टिविटी को समझने के लिए, प्रोजेक्ट पर जाना बहुत जरूरी होता है।
हालांकि, शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा। इस बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार समेत तीनों प्राधिकरण और बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है।
सुरक्षा कर्ज में डूबी जेपी समूह की कंपनी में 250 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है, साथ ही अगले चार वर्षों में फ्लैटों को पूरा करने के लिए 3,000 करोड़ रुपये का ऋण भी दे रही है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों ऐसे होम बायर्स हैं जो बिल्डर के बकाये के कारण अपने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं, जबकि वह पूरा पैसा दे चुके हैं।
रियल एस्टेट मामलों के विशेषज्ञ प्रदीप मिश्रा ने इंडिया टीवी को बताया कि अगर आप एंड यूजर्स हैं और अपने रहने के लिए घर खरीद रहें हैं तो नई प्रॉपर्टी लेना फायदे का सौदा होगा।
कोरोना महामारी के बाद देश के सात प्रमुख शहरों में बेहतर सुविधाओं वाले बड़े अपार्टमेंट की भारी मांग है।
आंकड़ों के अनसार, सर्वे में शामिल 50 शहरों में से सात शहरों में घरों के दाम नीचे आए हैं। आवास ऋण पर ब्याज दर कोविड-पूर्व के समय से भी कम बनी हुई हैं, जिससे इस क्षेत्र में वृद्धि बनी हुई है।
आज कल चर्चा का बाजार गर्म है कि मकान नहीं खरीद कर, उस रकम का सिप करा लें। सिप पर आपको 20 साल में ज्यादा रिटर्न मिलेगा और आप रिटायरमेंट के समय कई मकान खरीद लेंगे। हालांकि, कई वित्तीय जानकारों का कहना है कि यह सही नहीं है।
11 अगस्त 2022 से पहले सेक्टर 102, 115, 158 और 162 आदि सेक्टरों में आवासीय प्लॉट की कीमत 36200 वर्ग मीटर थी। ई श्रेणी वाले इन सेक्टरों में अब प्लॉट खरीदने का बेस प्राइस ही 45,380 रुपए वर्गमीटर हो गया है। उस पर भी ईऑक्शन के दौरान नीलामी होगी और इस बेस्ट प्राइस से ऊपर जो बढ़-चढ़कर बोली लगाएगा, उसे ही वह प्लॉट दिया जाएगा।
यदि आप 1बीएचके फ्लैट का बुकिंग करने जा रहे हैं और उसका साइज 700 वर्ग फीट है। इसका कारपेट एरिया का क्षेत्रफल निकालने के लिए डेवलपर्स की ओर से मिले फ्लैट का ब्रॉशर को लें। उसमें से उस फ्लैट का लेआउट प्लान को देखे और कारपेट एरिया के स्पेस का गणना करें।
गुरुग्राम और नई दिल्ली की तुलना में नोएडा-ग्रेटर नोएडा का किफायती होना भी इसका यूएसपी बन गया है। इसके चलते देश समेत विदेशी निवेशक इस क्षेत्र में बन रहे रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट में निवेश कर रहे हैं।
रीट का मॉडल म्यूचुअल फंड की तरह है। जिस तरह म्यूचुअल फंड में निवेशकों का पैसा जुटाकर फंड मैनेजर अच्छी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है, ठीक उसी तरह रीट में निवेशकों का पैसा रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश किया जाता है।
नई आपूर्ति की बात की जाए, तो सात प्रमुख शहरों मे आपूर्ति इस साल 51 प्रतिशत के उछाल के साथ 3,57,600 इकाई पर पहुंच गई।
रिपोर्ट कहती है कि मकान की मांग तेजी से बढ़ने से खाली घरों (अनसोल्ड इनवेंट्री) का स्तर ढाई साल पर आ गया है। महामारी से पहले यह चार साल था।
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रेंट पर मकान ढूंढना हमेशा मुकिश्ल होता है। सबसे पहले बजट और लोकेशन दोनों सही मिलना मुश्किल होता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि यह नामुमकिन है। सही जानकारी होने पर आप कम बजट में भी सही मकान ले सकते हैं।
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