रियल एस्टेट के बड़े मार्केट नोएडा और ग्रेटर नोएडा में नवरात्रि के दौरान रजिस्ट्री का आंकड़ा पिछले नवरात्र के मुकाबले तीन गुना पहुंच गया है। इससे न सिर्फ अथॉरिटी को करोड़ों रुपये का रेवेन्यू मिल रहा है बल्कि रियल एस्टेट कारोबारी भी बेहद खुश हैं।
कंपनी ने कहा कि ईडब्ल्यूएस के लिए फ्लैट की कीमत सिर्फ 5.35 लाख रुपये होगी जबकि निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए बने फ्लैट की कीमत 12.58 लाख रुपये से शुरू होगी। ये प्रोजेक्ट गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार में 40 एकड़ में फैली प्रतीक ग्रैंड सिटी टाउनशिप का हिस्सा है।
वर्कस्पेस यानी ऑफिस स्पेस की डिमांड 1.61 करोड़ वर्ग फुट से 18 प्रतिशत बढ़कर 1.9 करोड़ वर्ग फुट हो गई। ये वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) स्थापित करने की इच्छा रखने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों की हाई डिमांड से प्रेरित रही।
दिग्गज रियल्टी एक्सपर्ट राकेश यादव कहते हैं कि घर हम बार-बार नहीं खरीदते हैं। पूरी जिंदगी में बहुत सारे लोग एक बार ही घर खरीदते हैं। इसलिए कभी भी घर खरीदेने का फैसला ऑफर या छूट की लालच में नहीं करें। अपनी जरूरत को समझें और सही डेवलपर्स का चयन कर फ्लैट की बुकिंग करें।
वेव सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव गुप्ता ने कहा, ‘‘ हम 70 लाख वर्ग फुट एरिया में 8000 से 9000 फ्लैट बनाएंगे। पिछले 12 महीने में टाउनशिप वेव सिटी में प्रीमियम फ्लैट के लिए खरीदारों की मांग तेजी से बढ़ी है।''
महाराष्ट्र के गृहनिर्माण मंत्री अतुल सावे ने बताया कि डीसीआर 33 (5), 33 (7) और 58 के तहत पुनर्विकास परियोजनाओं के जरिए लिए गए 370 घरों की कीमतों में 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक कटौती की गई है।
डीडीए की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, तीन नई हाउसिंग स्कीम में फ्लैट की शुरुआती कीमत 11.5 लाख रुपये होगी। ये फ्लैट्स दिल्ली के रामगढ़ कॉलोनी, सिरासपुर, लोकनायकपुरम, रोहिणी और नरेला में हैं।
बिल्डरों द्वारा अधिक प्रीमियम फ्लैट लॉन्च किए जाने के चलते अप्रैल-जून की अवधि में सात प्रमुख शहरों में किफायती अपार्टमेंट्स की नई सप्लाई, जिनकी कीमत 50 लाख रुपये से कम है, में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है।
वर्षों से फ्लैट्स में रहने वाले रजिस्ट्री होने से मालिकाना हक की कीमत और महत्व को अच्छे से समझते है और वो मानते है कि रजिस्ट्री होने वे अब अपने प्रॉपर्टी को सेल कर सकेंगे जो पहले संभव नही था।
रोजेक्ट गोदरेज जार्डिनिया नाम के इस प्रोजेक्ट में कंपनी ने फ्लैट्स की बिक्री की है। कंपनी ने कहा कि बिक्री मूल्य के मामले में यह गोदरेज प्रॉपर्टीज की नोएडा में अभी तक की सबसे सफल पेशकश है।
Housing prices : भारत में आवासीय मांग 2013-2014 से लेकर 2019 तक काफी कम रही। कीमतें स्थिर थीं। उस समय एक चलन था, जब लोग खासकर युवा कुछ भी नहीं खरीदना चाहते थे।
डीएलएफ प्रिवाना वेस्ट नाम के इस प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने की होड़ सी लग गई और देखते ही देखते सभी फ्लैट बिक गए। यह नई परियोजना 12.57 एकड़ में फैली है जिसमें 795 फ्लैट हैं।
बीते कुछ सालों में रियल एस्टेट सेक्टर में शानदार डिमांड देखी जा रही है। घरों की कीमतें भी बढ़ी हैं। खासकर बड़े घर और लग्जरी फ्लैट्स की डिमांड बीते कुछ समय से तेज देखने को मिल रही है।
प्रॉपर्टी को शॉर्टलिस्ट करने के बाद, वेबसाइटों पर दिए गए विवरण को जांच करने के बाद उस प्रोजेक्ट और फ्लैट को खुद से जाकर देखें। आस-पास के इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे या मेट्रो स्टेशन से कनेक्टिविटी को समझने के लिए, प्रोजेक्ट पर जाना बहुत जरूरी होता है।
मध्यम वर्ग में बढ़ती समृद्धि के साथ, एक महत्वपूर्ण आबादी वर्ग ने बेहतर क्रय शक्ति और उच्च आकांक्षाएं विकसित की हैं। इन कारकों के कारण मिड रेसिडेंशियल सेगमेंट में मांग बढ़ रही है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 24,944 करोड़ रुपये, गाजियाबाद में 4,404 करोड़ रुपये, दिल्ली में 2,610 करोड़ रुपये और फरीदाबाद में 470 करोड़ रुपये मूल्य के घरों की बिक्री पिछले साल हुई।
प्रोजेक्ट को पेश करने से पहले के फेज में ही 72 घंटे में सारे अपार्टमेंट बिक गए हैं। आवासीय संपत्तियों की मजबूत मांग को देखते हुए कंपनियों के कारोबार में पंख लग गए हैं।
हालांकि, शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा। इस बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार समेत तीनों प्राधिकरण और बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है।
देश में 2023 में अभी तक शीर्ष सात शहरों में बेची गई 58 अल्ट्रा-लक्जरी संपत्तियों में से अकेले मुंबई में 53 इकाइयां बेची गईं। गुरुग्राम में दो अपार्टमेंट और नई दिल्ली में दो बंगले बेचे गए। हैदराबाद के जुबली हिल्स में 40 करोड़ रुपये से अधिक का एक आवासीय सौदा हुआ।
अगर आप घर खरीदने के लिए आर्थिक और भावनात्मक रूप से तैयार नहीं हैं, तो बहुत सोचसमझकर फैसला लें। घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट से लेकर मासिक किस्तों (ईएमआई) और पंजीकरण की लगात का आकलन जरूर करें।
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