केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
चालू वित्त वर्ष 2017-18 में अप्रैल से लेकर नवंबर तक की अवधि में देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 14.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे पिछले साल नवंबर में की गई नोटबंदी का असर अब पूरी तरह से खत्म होने का संकेत मिलता है।
तीस शेयरों वाला सूचकांक शुरुआती कारोबार में 33,300.81 अंक ऊपर तक गया और अंत में यह 316.41 अंक या 0.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32,832.94 अंक पर बंद हुआ।
राजकोषीय घाटे के बढ़ने से उतपन्न चिंताओं के कारण बुधवार को बिकवाली बढ़ने से बेंचमार्क सेंसेक्स 453 अंक टूटकर 33,149.35 अंक पर बंद हुआ।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन की वकालत की है।
IMF में एशिया प्रशांत के उप निदेशक केनेथ कांग ने कहा कि एशिया का परिदृश्य अच्छा है और यह मुश्किल सुधारों के साथ भारत को आगे ले जाने का महत्वपूर्ण अवसर है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक और बड़ा बदलाव दस्तक दे रहा है। सूत्रों की मानें तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अगले वित्त वर्ष को जनवरी से दिसंबर कर सकती है।
वित्त वर्ष 2015-16 में राज्यों का वित्तीय घाटा बढ़कर 4,93,360 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह घाटा वित्त वर्ष 1991-92 में 18,790 करोड़ रुपए था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि केंद्र सरकार किसानों का कर्ज माफ करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में उसके पांच सहयोगी बैंकों के सफलतापूर्वक विलय से उत्साहित सरकार अन्य सार्वजनिक बैंकों के विलय पर विचार कर रही है।
वित्त सचिव अशोक लवासा का कहना है कि देश की वृहद आर्थिक बुनियाद काफी मजबूत है जिससे 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।
डॉयचे बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यम अवधि में भारत के ऋण-सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुपात में लगातार सुधार की उम्मीद है।
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक TCS का 2016-17 की चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ 4.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 6,608 करोड़ रुपए रहा।
चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 4.8% रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया कि मुद्रास्फीति ऊंची रहने की आशंका को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया लगता है।
Moody’s ने कहा है कि यदि भारत वित्तीय अनुशासन को अपनाने के साथ ही FRBM के सुझावों के अनुरूप वित्तीय परिषद का गठन करता है तो क्रेडिट आउटलुक में सुधार आएगा।
राजकोषीय जवाबदेही रूपरेखा के अनुकरण के मामले में केंद्र के मुकाबले राज्यों का रिकॉर्ड बेहतर है और घाटा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अधिक ढ़ील दी जा सकती है।
मार्च में निर्यात 27.6 फीसदी बढ़कर 29.23 अरब डॉलर पहुंच गया। हालांकि, आयात में भी बढ़ोतरी हुई है। आयात 45.25 फीसदी बढ़कर 39.66 अरब डॉलर पहुंच गया है।
उच्चस्तरीय FRBM समिति ने मार्च 2020 तक तीन वित्तीय वर्षों के दौरान राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत रखने की सिफारिश की है।
इसके लिए संसद की एक समिति ने देश में वित्त वर्ष का समय बदलकर जनवरी-दिसंबर करने का सुझाव दिया है। अप्रैल से मार्च के वित्त वर्ष की परपंरा समाप्त हो।
मूडीज इंवेस्टर सर्विस का मानना है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली प्रचंड जीत से देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने में आसानी होगी।
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