देश में आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सार्वजनिक व्यय में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए आगामी बजट में राजकोषीय घाटा लक्ष्य में संशोधन करते हुए इसे 3.4 फीसदी से बढ़ाया जा सकता है।
वित्त वर्ष 2015-16 में राज्यों का वित्तीय घाटा बढ़कर 4,93,360 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह घाटा वित्त वर्ष 1991-92 में 18,790 करोड़ रुपए था।
लेटेस्ट न्यूज़