वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था। कुल मिलाकर, सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 16,13,312 करोड़ रुपये तक सीमित रखना है।
महालेख नियंत्रक (सीजीए) द्वारी जारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा इस साल जून महीने के अंत में 2.74 लाख करोड़ रुपए रहा। यह पूरे साल के लिए बजट में अनुमानित घाटे का 18.2 प्रतिशत है।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह के दौरान वित्तीय घाटा 2.28 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो 2016-17 के बजट अनुमान का 42.9 फीसदी है।
सरकार ने कहा कि वह वित्त वर्ष 2015-16 में राजकोषीय घाटे के सकल घरेलू उत्पाद के 3.9% रहने के आंकड़े को प्राप्त करने में सफल रही है।
फरवरी में सोने का आयात 29.49 फीसदी घटकर 1.39 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले जनवरी में इसमें तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। आयात कम होने से कैड पर अंकुश लगेगा है।
आईएमएफ ने भारत के फिस्कल लक्ष्यों को उचित करार दिया है। अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना सही तरीका है।
बजट पेश करने जा रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वो देश के लिए आर्थिक विकास चुनें या राजकोषीय सख्ती।
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा, चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने में पूरे साल के बजट अनुमान के 74 फीसदी के स्तर पर पहुंचकर 4.11 लाख करोड़ रुपय हो गया है।
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