वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 5 अगस्त कर दी है। पैन-आधार लिंकिंग जरूरी है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में आने वाली तिमाहियों में स्थिति में सुधार होगा जिससे चालू वित्त वर्ष के दौरान GDP ग्रोथ 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक और बड़ा बदलाव दस्तक दे रहा है। सूत्रों की मानें तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अगले वित्त वर्ष को जनवरी से दिसंबर कर सकती है।
सरकार ने वित्त वर्ष को अप्रैल-मार्च से बदलकर जनवरी-दिसंबर करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। वित्त वर्ष को कृषि उत्पादन चक्र से संबद्ध किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आग्रह पर मध्यप्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष को मौजूदा अप्रैल-मार्च से बदलकर जनवरी-दिसंबर करने की आज घोषणा की है।
देश में 8 फीसदी सालाना ग्रोथ रेट के हिसाब से अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक तीन गुना से अधिक 7,250 अरब डॉलर या 469 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है।
टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर (JLR) के लिए वित्त वर्ष 2016-17 बिक्री के लिहाज से अब तक का सबसे बेहतर साल रहा है।
सरकार उस कमेटी की रिपोर्ट का परीक्षण कर रही है, जिसमें वित्त वर्ष एक अप्रैल के बजाये 1 जनवरी से शुरू करने का सुझाव दिया गया है।
1 अप्रैल से देश में बड़े बदलाव होने जा रहे है। नए वित्तीय नियमों से आम आदमी की जरूरत की कई चीजों की कीमतों पर असर होगा। इसीलिए जल्दी जरूरी काम निपटा ले
1 अप्रैल से देश में बड़े बदलाव होने जा रहे है। आर्थिक दरों में हुए बदलाव और नए वित्तीय नियमों से आम आदमी की जरूरत की कई चीजों की कीमतों पर असर होगा।
Financial Year Special: फाइनेंशियल ईयर 2016-2017 में शेयर बाजार ने निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिए है। इस दौरान सेंसेक्स 16 फीसदी और निफ्टी 18 फीसदी बढ़ा है।
मारुति सुजुकी इस वित्त वर्ष में एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रही है। चालू वित्त वर्ष में कंपनी 15 लाख वाहन के प्रोडक्शन का आंकड़ा छूने की ओर अग्रसर है।
इसके लिए संसद की एक समिति ने देश में वित्त वर्ष का समय बदलकर जनवरी-दिसंबर करने का सुझाव दिया है। अप्रैल से मार्च के वित्त वर्ष की परपंरा समाप्त हो।
CBDT ने इनकम टैक्स विभाग से गंभीरता से टैक्स संग्रहण की निगरानी करने को कहा है। चालू वित्त वर्ष समाप्ति की ओर है और टैक्स संग्रहण अभी लक्ष्य से पीछे है।
जो कंपनियां एक वित्त वर्ष के दौरान खराब प्रदर्शन करती हैं, वे आमतौर पर साल के अंत में अपनी वार्षिक आम सभा (AGM) का आयोजन करती हैं।
वित्त वर्ष में बदलाव के संबंध में आम बहस की इच्छुक सरकार ने मौजूदा अवधि में बदलाव की आवश्यकता के संबंध में जनता से टिप्पणी मांगी है।
भारत की पिछले 12 साल की औसतन 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार लाने में नाकाम रही है। यह बात जाने-माने विकास अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कही है।
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