नो-कॉस्ट ईएमआई उपभोक्ताओं के लिए एक लोकप्रिय और आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है। जैसा कि नाम से पता चलता है, ये भुगतान योजनाएं बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज की मिलती है। हालांकि, हकीकत में ऐसा होता नहीं है। नो-कॉस्ट ईएमआई में कई कैच है, जिसे जानना जरूरी है।
Tips for Child Education: बच्चों की शिक्षा के लिए जितनी जल्दी प्लानिंग शुरू की जा सके। उतना ही अच्छा होता है। आज हम इस आर्टिकल में बच्चों की शिक्षा के प्लानिंग के लिए कुछ फाइनेंसियल टिप्स बताने जा रहे हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि पीपीएफ पर ब्याज दर अप्रैल 2020 से संशोधित नहीं की गई है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का इंतजार खत्म होगा।
हर कोई अमीर बनना चाहता है लेकिन कुछ ही लोग बन पाते हैं। हालांकि, अगर सही तरीके से प्लानिंग की जाए तो आसानी से अमीर बना जा सकता है।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोई अनुशासित तरीके से निवेश करता है, तो लंबे समय में म्यूचुअल फंड लगभग 12-15% रिटर्न दे सकते हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों को अलग-अलग टाइम फ्रेम के अनुसार निवेश करना चाहिए। इससे शानदार रिटर्न भी मिलता है और पैसे की किल्लत भी नहीं होती है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली या एनपीएस, शेयर बाजार से जुड़ा, निवेश उत्पाद है। 18 से 60 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक एनपीएस खाता खोलने के लिए पात्र हैं।
अधिकांश लोग कमाई के बाद खर्च का सही तरीके से प्रबंधन नहीं करने के कारण मनी डिसॉर्डर के शिकार हो जाते हैं।
फाइनेंशियल प्लानकर का कहना है कि शादी के बाद अपने पार्टनर से अपने फाइनेंसज के बारे में बात करें।
आम तौर पर देखा जाता है कि निवेशक रिटायरमेंट प्लानिंग को छोड़ कर सभी तरह की प्लानिंग कर लेते हैं। आप यह गलती कभी भी न करें।
Money Making Idea:अगर, लॉन्ग टर्म इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो अपने पोर्टफोलियो में 50 से 55 फीसदी इक्विटी शामिल करें।
Success Plan: बिना वित्तीय लक्ष्य तय किए बचत और निवेश करना बेमतलब है।
पैसा इक्ट्ठा करने में फाइनेंशियल प्लानिंग में 70 का रूल बहुत ही पॉपुलर है।
पढ़ाई खत्म करने के बाद नई-नई नौकरी की शुरुआत करने वाले अधिकांश यूथ यह नहीं जानते कि फाइनेंशियल प्लानिंग कब और कैसे शुरू की जाए। अपनाएं ये पांच आदत।
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