सर्वे में 43 प्रतिशत ने क्रेडिट कार्ड पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन की बात कही, जबकि 36 प्रतिशत ने कहा कि उनके साथ धोखाधड़ी वाला एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) लेनदेन हुआ है।
सरकार के इस फैसले से अब तक 3.5 लाख पीड़ित लोगों को फायदा हुआ है। बैंकों को इस संबंध में सिस्टम और प्रोसेस को मजबूत करने के लिए कहा गया है।
भारतीय अब डिजिटल रूप से अधिक सक्रिय होते जो रहे हैं और इसके साथ ही उनके साथ फाइनेंशियल फ्रॉड का जोखिम भी बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चार में से एक भारतीय ग्राहक ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बनता है। वैश्विक वित्तीय सूचना कंपनी एक्सपेरियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 प्रतिशत भारतीय ऑनलाइन लेनदेन में सीधे धोखाधड़ी का शिकार बने हैं।
जिस प्रकार हम यह सुनिश्चित करते हैं कि सारे ताले ठीक से बंद हैं ताकि चोरी न हो, उसी प्रकार छोटी-छोटी सावधानियां हमें एक बड़ी धोखाधड़ी से बचा सकती हैं।
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