मंत्री समूह में शामिल कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली सामग्री पर कर कटौती की वकालत की है।
ऑन साइट ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए 100 प्रतिशत गारंटी दी जाएगी।
वर्तमान में टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक तौर पर आयात पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है जबकि कोविड दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।
आईबीए के आंकड़ों के अनुसार बैंकिंग क्षेत्र में कुल 13.5 लाख कर्मचारियों में से पिछले साल कोविड-19 के कारण लगभग 600 कर्मचारियों की मौत हुई।
सरकार ने सोमवार को प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि पिछले साल की तरह इस बार कोई अफरा तफरी जैसी स्थिति नहीं है और पूरे देश में पूर्ण लॉकडाऊन नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी संग्रह में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले छह महीनों से जीएसटी का मासिक संगह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह सुधार का संकेत है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह ने न केवल 1 लाख करोड़ का आंकड़ा लगातार सातवें महीने पार किया है बल्कि कर संग्रह में लगातार वृद्धि भी हो रही है।
वित्त मंत्री ने कोलकाता में हुए इंडस्ट्री के आयोजन में कहा कि केंद्र ने महामारी की दूसरी लहर में बढ़त के बीच रिकवरी को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
एसआईआई को अग्रिम के तौर पर 3,000 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक को लगभग 1,500 करोड़ रुपये मिलेंगे।
इंडस्ट्री ने अनुमान दिया है कि मेक-इन-इंडिया शुल्क में बढ़ोतरी से उत्पादों की लागत 5-6 प्रतिशत बढ़ जाएगी क्योंकि कई उपकरणों को आयात किया जाता है
वित्त मंत्री ने सीआईआई, फिक्की और एसोचैम के प्रमुखों के साथ साथ टाटा स्टील, एलएंडडी. टीसीएस, मारुति सुजुकी, टीवीएस, हीरो मोटोकॉर्प के प्रमुखों से बात की है।
वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में 21 राइट इश्यू आए, जबकि इससे पिछले साल यह आंकड़ा 17 था।
भारत और ईयू के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत मई 2013 से अटकी पड़ी है। भारत और ईयू के बीच आठ मई को आगे बातचीत होगी
वर्ष 2020-21 में केंद्र का शुद्ध जीएसटी संग्रह 5.48 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि सीमा शुल्क से 1.32 लाख करोड़ रुपये मिले।
मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी संग्रह ने लगातार छठवें महीने 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है और यह इस बात का साफ संकेत है कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई दर पर नियंत्रण, ऊंची विकास दर, विदेशी निवेश का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना और सरकारी घाटे के कम रहने से संकेत हैं कि सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
डिजिटल टैक्स को अप्रैल, 2020 में पेश किया गया था। यह केवल उन गैर-भारतीय कंपनियों के लिए है, जिनका वार्षिक राजस्व 2 करोड़ रुपये से अधिक है और जो भारतीयों को वस्तुओं एवं सेवाओं की ऑनलाइन बिक्री करती हैं।
पूंजीकरण के इस चरण में सबसे ज्यादा फायदा उन बैंकों को होगा, जो अभी आरबीआई के पीसीए फ्रेमवर्क के अधीन हैं।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते की भविष्य की किस्तों को जारी करने के लिए जब निर्णय लिया जाएगा, डीए की दर 1/1/2020, 1/7/2020 और 1/1/2021 के लिए तय की गई दर से प्रभावी होगी
वित्त मंत्री के मुताबिक यह बजट साफ तौर पर कहता है कि हम निजी क्षेत्र पर भरोसा करते हैं और देश के विकास में भागेदारी के लिये आपका स्वागत है। इस बजट में हमने साफ किया है कि सरकार क्या कर सकती है या किस हद तक कर सकती है इसीलिए यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को एक दिशात्मक बदलाव देता है।
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