वर्ष 2020-21 में केंद्र का शुद्ध जीएसटी संग्रह 5.48 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि सीमा शुल्क से 1.32 लाख करोड़ रुपये मिले।
मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी संग्रह ने लगातार छठवें महीने 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है और यह इस बात का साफ संकेत है कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।
पूंजीकरण के इस चरण में सबसे ज्यादा फायदा उन बैंकों को होगा, जो अभी आरबीआई के पीसीए फ्रेमवर्क के अधीन हैं।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते की भविष्य की किस्तों को जारी करने के लिए जब निर्णय लिया जाएगा, डीए की दर 1/1/2020, 1/7/2020 और 1/1/2021 के लिए तय की गई दर से प्रभावी होगी
वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सरकार ने सरकार के बैंकिंग लेनदेन में निजी क्षेत्र की भागीदारी पर लगे प्रतिबंध को (पहले कुछ ही बैंकों को मंजूरी थी) समाप्त कर दिया है।
सभी को यह उम्मीद थी कि सरकार 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में एनआरआई और विदेशी नागरिकों के रेजिडेंसी स्टेट्स पर स्पष्टता देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इस बार 1 फरवरी 2021 को पेश होने वाला केंद्रीय बजट 2021-22 पूरी तरह से डिजिटल होगा। वित्त मंत्रालय द्वारा शनिवार को नॉर्थ ब्लॉक में परंपरागत तरीके से हलवा सेरेमनी के साथ बजट दस्तावेजों के संकलन की प्रक्रिया शुरू हो गयी।
छह जनवरी 2021 तक जनधन खातों की संख्या 41 करोड़ के पार चली गयी और शून्य बैलेंस वाले खातों की संख्या मार्च 2015 के 58 प्रतिशत से कम होकर 7.5 प्रतिशत पर आ गयी।
मौजूदा बाजार मूल्य पर 26 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकारी खजाने को लगभग एक हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं। बीईएमएल के शेयर शुक्रवार को 974.25 रुपये पर बंद हुए। बीईएमएल रक्षा, रेल, बिजली, खनन और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में काम करती है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी नियमों में नियम 86 बी पेश किया है। यह नियम इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) का अधिकतम 99 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल जीएसटी देनदारी निपटाने की अनुमति देता है।
कोविड-19 के संकट को देखते हुए मई में केद्र सरकार ने राज्यों की कर्ज की सीमा विभिन्न सुधारवादी शर्तों के साथ कुल मिला कर 2 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की। इन शर्तां में एक-देश-एक-राशनकार्ड , कारोबार सुगमता, नगर निकाय/सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार शामिल हैं।
सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी कुछ दिन में मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अंशधारकों के खातों में ब्याज इसी महीने डाला जाएगा।
वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में शेष 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने के बारे में चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में फैसला करेगा।
योजना के तहत लाभ पाने के लिए बिल या वाउचर 31 मार्च 2021 को या उससे पहले जमा करना होगा।
विश्व बैंक की कारोबार सुगमता 2020 रिपोर्ट में छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के मामले में भारत पिछले साल के सातवें स्थान से फिसलकर 13वें स्थान पर आ गया है। हालांकि कारोबार सुगमता को लेकर भारत की रैकिंग पूर्ववत रही है
योजना की अवधि को 30 नवंबर तक के लिये अथवा तब तक के लिये बढ़ा दिया गया है जब तक कि योजना के तहत तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी नहीं दे दी जाती है। इसमें जो भी पहले होगा उस समय तक ही योजना लागू रहेगी।
सरकार ने 12 अक्टूबर को एलटीसी कैश वाउचर स्कीम की घोषणा की थी। इस योजना का लाभ लेने के लिए कर्मचरियों को ऐसे उत्पाद और सेवाएं खरीदनी होंगी, जिनपर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत या अधिक है।
वित्तीय सेवा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार कर्जदार संबंधित ऋण खाते पर योजना का लाभ ले सकते हैं।
2021-22 के लिए बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ब्रिटिश काल की परंपरा को खत्म कर बजट पेश करने की तारीख को बदल दिया है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, सरकार का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सितंबर 2020 में 95,480 करोड़ रुपये रहा।
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