वित्त मंत्री के मुताबिक आज के समय में बैंकों का बही खाता अधिक साफ सुथरा है ऐसे में बैंक बाजार से पैसा उठा कर सरकार पर बोझ कम कर सकते हैं।
अगले साल के बजट में मांग को बढ़ाना, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सतत 8 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के रास्ते पर बनाए रखने जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
आयकर कानून नियम, 1962 में नियम 9डी जोड़ा गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पीएफ खातों में अलग से खाते बनाने होंगे। इसमें भविष्य निधि में कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान और उस पर मिलने वाले ब्याज को अलग-अलग दिखाना होगा।
इस विधेयक का सीधा असर ब्रिटेन की कंपनियों केयर्न एनर्जी और वोडाफोन समूह के साथ लंबे समय से चल रहे कर विवादों पर होगा। भारत सरकार दोनों कंपनियों द्वारा किए गए मध्यस्थता मुकदमों में हार चुकी है।
वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान के रूप में 1,18,452 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश की थी। इस धनराशि में से अब तक चार किस्तों के तौर पर कुल 39,484 करोड़ रुपये की रकम जारी की गई है।
सरकार ने 2021-22 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है।
कलेक्शन में सीजीएसटी 16,424 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 20,397 करोड़ रुपये और आईजीएसटी 49,079 करोड़ रुपये और सेस 6,949 करोड़ रुपये शामिल हैं।
जीएसटी की चौथी वर्षगांठ पर कर अधिकारियों को भेजे संदेश में सीतारमण ने कहा कि पिछले चार वर्षों में करदाताओं का आधार 66.25 लाख से लगभग दोगुना होकर 1.28 करोड़ हो गया है।
भारतीय लोगों और कंपनियों का स्विस बैंकों में जमा धन 2020 में 13 साल के उच्चस्तर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक या 20,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
मंत्रालयों को ओवरटाइम भत्ता, घरेलू और विदेश यात्रा, कार्यालय खर्च, किराया, दर और कर, रॉयल्टी जैसे खर्चो में कटौती का लक्ष्य दिया गया है।
मंत्री समूह में शामिल कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली सामग्री पर कर कटौती की वकालत की है।
ऑन साइट ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए 100 प्रतिशत गारंटी दी जाएगी।
आईबीए के आंकड़ों के अनुसार बैंकिंग क्षेत्र में कुल 13.5 लाख कर्मचारियों में से पिछले साल कोविड-19 के कारण लगभग 600 कर्मचारियों की मौत हुई।
सरकार ने सोमवार को प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि पिछले साल की तरह इस बार कोई अफरा तफरी जैसी स्थिति नहीं है और पूरे देश में पूर्ण लॉकडाऊन नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी संग्रह में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले छह महीनों से जीएसटी का मासिक संगह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह सुधार का संकेत है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह ने न केवल 1 लाख करोड़ का आंकड़ा लगातार सातवें महीने पार किया है बल्कि कर संग्रह में लगातार वृद्धि भी हो रही है।
एसआईआई को अग्रिम के तौर पर 3,000 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक को लगभग 1,500 करोड़ रुपये मिलेंगे।
इंडस्ट्री ने अनुमान दिया है कि मेक-इन-इंडिया शुल्क में बढ़ोतरी से उत्पादों की लागत 5-6 प्रतिशत बढ़ जाएगी क्योंकि कई उपकरणों को आयात किया जाता है
वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में 21 राइट इश्यू आए, जबकि इससे पिछले साल यह आंकड़ा 17 था।
वर्ष 2020-21 में केंद्र का शुद्ध जीएसटी संग्रह 5.48 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि सीमा शुल्क से 1.32 लाख करोड़ रुपये मिले।
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