केंद्र सरकार की ओर से रबी के सीजन के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी का ऐलान कर दिया गया है। सरकार रबी सीजन में फर्टिलाइजर सब्सिडी 22,303 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
उर्वरक मंत्रालय का भी मानना है कि इस तिमाही में फॉस्फोरिक एसिड का भाव 1,100 डॉलर प्रति टन से कम होना चाहिए।
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने पिछले महीने डीएपी (50 किलोग्राम बैग) की अधिकतम खुदारा मूल्य 1,200 रुपये से बढ़ाकर 1,350 रुपये कर दिया है।
उर्वरकों की उत्पादन लागत एक साल से भी कम समय में लगभग 20 प्रतिशत बढ़ गई है। रूस प्राकृतिक गैस का प्रमुख उत्पादक है।
श्रीलंका में सब्जियों की कीमतें हाल के हफ्तों में लगभग दोगुना हो गई हैं क्योंकि विरोध कर रहे किसानों ने खेती बंद कर दी है।
श्रीलंका ने चीनी उर्वरक कंपनी की इस खेप को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि नैशनल प्लांट क्वारंटाइन सर्विस की जांच में वह उर्वरक दूषित पाया गया है।
CCEA ने NBS योजना के तहत गन्ने के शीरे (0:0:14.5:0) से प्राप्त पोटाश को शामिल करने को भी मंजूरी दी।
सरकार ने रॉक फॉस्फेट में आत्मनिर्भर बनने की योजना तैयार कर ली है। रॉक फॉस्फेट फॉस्फेटिक फर्टिलाइजर डीएपी और एनपीके के उत्पादन के लिये काफी अहम है।
पिछले साल डीएपी की बोरी पर केंद्र सरकार 500 रुपये की सब्सिडी दे रही थी। इस साल कीमतों में बढ़त के साथ ही सरकार ने सब्सिडी को बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया।
केंद्र सरकार हर साल रासायनिक खादों पर सब्सिडी पर करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। DAP में सब्सिडी बढ़ाने के साथ ही खरीफ सीजन में 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे|
मीडिया रपटों में आई खबर ने किसानों को परेशानी में डाल दिया । इसमें बताया गया था कि देश की सबसे बड़ी फर्टिलाइजर कंपनी इफको ने डीएपी की कीमतों में 58 फीसदी की वृद्धि कर दी है।
इफको हमेशा किसानों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और उसका उद्देश्य किसानों के लिए कृषि इनपुट लागत को कम करना है।
सीतारमण ने कहा कि घरेलू रक्षा उपकरण, इंडस्ट्रियल इनसेंटिव्स और इंफ्रास्ट्रक्चर एंड ग्रीन एनर्जी के लिए पूंजी और इंडस्ट्रियल खर्च के लिए 10,200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया जाएगा।
इफको ने कहा कि किसानों के लिए जहां भी संभव हो, कीमतों को कम किया जाएगा।
सीएसीपी की सिफारिश है कि देश में हर किसान को हर साल 5000 रुपए की फर्टिलाइजर सब्सिडी दी जाए। यह रकम साल में दो बराबर किस्तों में देने का सुझाव दिया गया है।
अप्रैल बिक्री पिछले साल के मुकाबले 2.12 लाख टन से बढ़कर 3.62 लाख टन हो गई
किसानों को यूरिया और पी एण्ड के 21 ग्रेड के उर्वरकों को सस्ती दर पर सुलभ कराने के लिए सब्सिडी
दिसंबर के महीने में कोर सेक्टर में बढ़त दर्ज हुई है।
इस सहकारी सोसायटी की कुल सदस्यता 9,462 है और 31 मार्च 2019 तक सोसायटी की चुकता शेयर पूंजी 389.11 करोड़ रुपए थी।
वित्त वर्ष 2018-19 के कुल उत्पादन में 45.62 लाख टन यूरिया और 14.19 लाख टन डाई-अमोनियम फास्फेट (डीएपी) का उत्पादन किया गया।
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