मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर की अब तक सर्वाधिक सालाना एफडीआई आवक दर्ज की।’’
विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में एफडीआई प्रवाह 30 फीसदी वृद्धि के साथ करीब 870 अरब डॉलर हो गया जबकि दक्षिण एशिया में यह 24 फीसदी गिरकर 2021 में 54 अरब डॉलर रहा।
जिन एफडीआई प्रस्तावों पर प्रेस नोट 3 (पीएन 3) के तहत विचार करने की जरूरत है, उसको सुगम बनाने पर सरकार का विचार
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले साल की इसी अवधि के 9.61 अरब डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार माह में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 112 प्रतिशत बढ़कर 20.42 अरब डालर पर पहुंच गया।
कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह का सबसे बड़ा हिस्सा ऑटो सेक्टर का रहा है। वहीं इस दौरान सबसे ज्यादा निवेश कर्नाटक को मिला है।
सरकार ने बुधवार को दूरसंचार क्षेत्र में बड़े सुधारों की घोषणा की है। इसमें 100 प्रतिशत एफडीआई और बकाया भुगतान पर चार साल की मोहलत शामिल हैं
यदि आप याहू मेल यूजर हैं तो इस बदलाव से आपके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस नए फैसले से याहू मेल और याहू सर्च अप्रभावित रहेंगे।
यह एफडीआई विशेष रूप से इंफ्रा सेक्टर में निवेश के लिये है। इसमें परिवहन और लॉजिस्टिक के साथ हवाईअड्डों से जुड़ी सेवाओं और विमानन संबंधित कारोबार और सेवाएं शामिल हो सकते हैं।
मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक बीमा क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग के तहत 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम भारतीय जीवन बीमा निगम पर लागू नहीं होते हैं।
देश में 54,000 स्टार्टअप वर्तमान में 5.5 लाख रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं वहीं अगले पांच साल के दौरान 50,000 नए स्टार्टअप 20 लाख नए रोजगार पैदा करेंगे।
एक साल पहले अप्रैल 2020 में एफडीआई 4.53 अरब डॉलर था वहीं इक्विटी के जरिये एफडीआई पिछले साल के मुकाबले 60 प्रतिशत बढ़कर 4.44 अरब डॉलर रहा।
विकासशील एशिया में एफडीआई प्रवाह 2020 में 4 प्रतिशत बढ़कर 535 अरब डॉलर रहा। चीन में एफडीआई प्रवाह इस दौरान 6 प्रतिशत बढ़कर 149 अरब डॉलर रहा।
2020-21 के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) तीन गुना बढ़कर 26.14 अरब डॉलर हो गया।
सिंगापुर पहले स्थान पर बना हुआ है। वर्ष 2020-21 में अमेरिका से भारत को 13.82 अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ।
अमेरिका भारत में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) का दूसरा प्रमुख स्रोत हो गया है और उसने मॉरीशस को तीसरे स्थान पर धकेल दिया है। सिंगापुर प्रथम स्थान पर बना हुआ है।
अमेरिका भारत में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) का दूसरा प्रमुख स्रोत हो गया है और उसने मॉरीशस को तीसरे स्थान पर धकेल दिया है।
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने मंगलवार को कहा कि देश में भारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह से वैश्विक निवेशकों के बीच भारत के पसंदीदा निवेश गंतव्य होने की पुष्टि हुई है।
एफडीआई हासिल करने के मामले में 27 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र दूसरे और 13 प्रतिशत के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर रहा।
अमेरिका के दो प्रभावशाली सांसदों ने भारत में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किये जाने का स्वागत किया है।
वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीनों के दौरान कुल एफडीआई (जिसमें आय को दोबारा निवेश करना शामिल है) 15 प्रतिशत बढ़कर 72.12 अरब डॉलर रहा।
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