ब्रिटेन में भारतीय कंपनियों का निवेश 2015 में करीब 65 फीसदी बढ़ा और अमेरिका तथा फ्रांस के बाद भारत इस देश में एफडीआई का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत बना गया है।
भारत इस साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करने में चीन को पीछे छोड़ सकता है। यह बात जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने कही है।
2015-16 के 11 महीनों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का एक नया रिकॉर्ड बना है। इस दौरान भारत में 51 अरब डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी निवेश हुआ है।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 2015 में एफडीआई के लिहाज से टॉप डेस्टिनेशन के रूप में चीन को पछाड़ दिया। भारत को 63 अरब डॉलर मूल्य की एफडीआई परियोजनाएं मिलीं।
देश में बीते साल 2015 में FDI का प्रवाह 37 फीसदी बढ़कर 39.32 अरब डॉलर पर पहुंच गया। डीआईपीपी के अनुसार, 2014 में 28.78 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार उन क्षेत्रों को एफडीआई के लिए नहीं खोलेगी जहां स्वरोजगार में लगे भारतीयों की नौकरी पर ही खतरा बन जाए।
ई-कॉमर्स में एफडीआर्इ कानून के खिलाफ ट्रेडर्स ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। ट्रेडर्स ने सरकार से दोबारा विचार करने की मांग की है।
ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जल्दी ही डिस्काउंट गायब होने वाला है। आप इन वेबसाइट से भारी डिस्काउंट पर सामान खरीदते हैं तो आने वाले दिनों में निराशा हाथ लग सकती है।
सरकार ने ई-कॉमर्स के मार्केटप्लेस मॉडल में ऑटोमैटिक रूट के जरिये 100 फीसदी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को अपनी मंजूरी दे दी है।
स्वीडन की फर्नीचर रिटेल चेन आइकिया अगले साल हैदराबाद में भारत का पहला स्टोर खोलेगी। कंपनी की योजना 2017 की दूसरी तिमाही तक अपना स्टोर स्थापित करने की है।
सर्विस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) अप्रैल-दिसंबर की अवधि में 85.5 फीसदी बढ़कर 4.25 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से दिसंबर अवधि के दौरान 40 फीसदी बढ़कर 29.44 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) अप्रैल-नवंबर के दौरान 31 फीसदी बढ़कर 24.8 अरब डॉलर रहा है। वित्त वर्ष 2015-16 की आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है।
सरकार ई-कॉमर्स रिटेलिंग के मार्केट प्लेस मॉडल में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी देने पर विचार कर रही है। इससे सरकार और जयादा विदेशी निवेश आकर्षित करेगी।
हाईकोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई के सर्कुलर मुताबिक, एफडीआई वाली कंपनियों को किसी भी रूप में ई-कॉमर्स के जरिये खुदरा व्यापार की अनुमति नहीं होगी।
इस साल इंश्योरेंस सेक्टर में 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का एफडीआई आने की संभावना है। विदेशी कंपनियों की इस क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना है।
एफआईपीबी ने दूरसंचार टॉवर कंपनी वियोम नेटवर्क्स के 5,900 करोड़ रुपए के एफडीआई प्रस्ताव सहित कुल 6,500 करोड़ रुपए के 13 प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
इंडस्ट्री जगत ने सरकार से मल्टी-ब्रांड रिटेल कारोबार में एफडीआई सीमा बढाने पर जोर देने को कहा। साथ ही कृषि में कंपनियों को अनुमति देने की मांग की।
पिछले 17 माह के दौरान भारत में एफडीआई में 35 फीसदी का उछाल आया है, जबकि इस दौरान दुनियाभर में होने वाली एफडीआई में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
2014 में निवेशकों को मालामाल करने वाले शेयर बाजार ने इस निराश किया है। भारी उतार-चढ़ाव के बीच 2015 शेयर बाजार के लिए चार साल का सबसे बुरा दौर रहा।
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