कैपिटल के इस प्रवाह के साथ एफसीआई अपनी स्टोरेज यूनिट के आधुनिकीकरण, परिवहन नेटवर्क में सुधार और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी काम करेगा।
FCI E-Auction: केंद्र, गेहूं और चावल की बढ़ती खुदरा कीमतों को कम करने के लिए हर स्तर पर काम कर रहा है। आज पांचवीं नीलामी हुई है।
देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है। लेकिन मौजूदा क्षमता के तहत गोदामों में कुल उपज का 47 प्रतिशत तक ही रखा जा सकता है।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार, गेहूं और गेहूं आटे की खुदरा कीमतों को कम करने के कदमों के तहत पिछले चार दौरों में लगभग 23.47 लाख टन गेहूं खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपयोगकर्ताओं को बेचा गया था।
एफसीआई को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को 15 मार्च तक साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए कुल 45 लाख टन गेहूं बेचने को कहा गया है, ताकि गेहूं और गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके।
देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिए, सरकार द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार, एफसीआई केंद्रीय पूल स्टॉक से कुल 30 लाख टन गेहूं स्टॉक को ओएमएसएस के तहत विभिन्न मार्गों से बाजार में जारी कर रहा है।
वर्ष 2017-18, वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 में दर्ज मामलों की संख्या क्रमशः 817, 828, 691 और 406 थी। पिछले वित्त वर्ष के आंकड़े सितंबर 2020 तक के हैं।
सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ मार्केटिंग सीजन में अब तक एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की धान खरीदी जा चुकी है और इससे करीब 77 लाख किसानों को फायदा मिला है। धान की खरीद में पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है।
सरकार ने चालू फसल वर्ष के लिए कॉमन ग्रेड के धान का एमएसपी 1,868 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए वेरायटी के धान का 1,888 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।
एफसीआई ने अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर 10 अक्टूबर तक 3.22 लाख किसानों से 37.92 लाख टन धान की खरीद की है, जिसकी कुल एमएसपी 7,159.39 करोड़ रुपये से अधिक है
मुफ्त राशन की योजनाओं से खरीद एजेंसियों का भंडार और देनदारियां कम होने की उम्मीद
मॉनसून के दौरान परिवहन की दिक्कतों को देखते हुए लिया गया फैसला
पासवान ने कहा कि जूट के थैलों की ज्यादातर आपूर्ति पश्चिम बंगाल से होती है। एफसीआई किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद करती है। एफसीआई इस मामले में केन्द्र सरकार की शीर्ष एजेंसी है।
पंजाब अभी तक 104.28 लाख टन की खरीद के साथ सबसे आगे
एफसीआई ने एक बयान में कहा कि 3.51 लाख टन खाद्यान्न में 1.74 लाख टन प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत और बाकी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत दिया गया है।
देश में जरूरत के मुकाबले करीब 3 गुना अनाज मौजूद
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अब खुले बाजार में 110 रुपए कुंटल कम भाव पर गेहूं बेचेगा।
एफसीआई संचालन के लिए अनाज भंडारण की निरंतर देखरेख जरूरी होती है, जिसकी आर्थिक जरूरतें केंद्र द्वारा इक्विटी या दीर्घकालिक ऋण के माध्यम से पूरी की जाती हैं।
जून महीने की शुरुआत हो गई, लेकिन अभी तक बिहार के सात जिलों में किसानों से छटांक भर गेहूं की भी अधिप्राप्ति (सरकारी खरीद) नहीं हुई है।
सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये सस्ती दरों पर 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एक किलो चीनी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है।
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