शहद में मिलावट पर रोक लगाने के लिए एफएसएसएआई ने इसकी गुणवत्ता के नए मानकों को अधिसूचित किया है। इससे शहद उत्पादक किसानों को अपने उत्पाद की बेहतर कीमत हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
वित्त वर्ष 2011-12 से 2015-16 के दौरान फलों और सब्जियों के उत्पादन पर बेहतर प्रतिफल या रिटर्न मिला है
सिगरेट से लेकर एफएमसीजी क्षेत्र की दिग्गज आईटीसी लिमिटेड देश में किसानों को साल भर नियमित आय सुनिश्चित करने के लिए 10 लाख से अधिक किसानों के साथ मिलकर काम कर रही है।
कृषि उपज का बढ़िया दाम मिलने की चाहत में देश के किसान इस बार सोयाबीन की बुवाई को काफी तरजीह दे रहे हैं। सोयाबीन को पीला सोना भी कहा जाता है।
उर्वरक बनाने वाली कंपनी इफको ने सिंगापुर की कंपनी आईमंडी के साथ मिलकर करीब 80 करोड़ रुपये के निवेश से किसानों के लिये ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है। इफको ने जारी बयान में कहा कि उससे जुड़े 5.5 करोड़ किसान उसके इफको आईमंडी ऐप से लाभान्वित होंगे।
कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज कहा कि सरकार जल्द ही एक नई प्रणाली लाएगी ताकि किसानों को उस हालत में उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित किया जा सके, जिसमें बाजार कीमत मानक दर से कम हो जाती है।
किसानों को बड़ी राहत देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने आज कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के पहले बजट में 34,000 करोड़ रुपए की कृषि ऋण माफी योजना की घोषणा की।
मजबूत वैश्विक रुख के बीच स्थानीय आभूषण कारोबारियों के लिवाली बढ़ाने से दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोना 210 रुपए उछलकर 31,570 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। हालांकि, चांदी पर अभी भी दबाव बना हुआ है और यह फिसलकर 40,000 रुपए के स्तर से नीचे आ गयी।
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बड़ी घोषणा की है, खरीफ मार्केटिंग सीजन 2018-19 के लिए खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी गई है जिसके तहत धान का समर्थन मूल्य 200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
सरकार 2019 के आम चुनाव से पहले किसानों को लुभाने के लिए खरीफ फसल में लिये धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपए बढ़ाकर 1,750 रुपए प्रति क्विंटल कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि 13 अन्य खरीफ फसलों के एमएसपी में भी अच्छी वृद्धि किए जाने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में किसानों की कर्ज माफी पर फैसला लिया गया। बैठक में सहकारी मंत्री बंदेप्पा खाशेमपुर, कृषि मंत्री एन एच शिवशंकर रेड्डी और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
सरकारी एजेंसियों ने चालू रबी विपणन वर्ष 2018-19 में देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक प्रदेशों में कुल 355 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद की है, जो केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 320 लाख टन से 35 लाख टन ज्यादा है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की वेबसाइट पर उपलब्ध शुक्रवार को गेहूं की खरीद के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में सबसे ज्यादा 126.91 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 600 से अधिक जिलों के किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि कृषि आय बढ़ाने के लिए सरकारी नीति में चार बड़े कदम‘ लागत खर्च में कटौती, फसलों की उचित कीमत, उत्पादों को खराब होने से बचाना तथा आय के वैकल्पिक स्रोत सृजित करना’ उठाये गये हैं।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार, चीनी क्षेत्र को विनियमित नहीं करना चाहती है और चीनी के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को तय करना और चीनी मिलों के लिए स्टॉक रखने की सीमा निर्धारित करना महज किसानों, उपभोक्ताओं के साथ-साथ छोटी इकाइयां के हित के लिए किया गया है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी की 'प्रशासनिक अक्षमता' और 'नीतिगत चूक' बढ़ते कृषि संकट, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की विफलता के लिए जिम्मेदार रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की निराशा गुस्से में बदल गई है और वे विरोध के लिए सड़कों पर आ गए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों की मदद के लिए चलाई जा रही फसल बीमा योजनाओं में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग फसलों के प्रीमियम निर्धारण को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए, ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।
सरकार ने विपणन वर्ष 2018-19 में किसानों से अब तक 3.40 करोड़ टन गेहूं खरीदा है, जो कि उसके द्वारा निर्धारित लक्ष्य से 6.25 प्रतिशत अधिक है। उत्तर प्रदेश में खरीद बढ़ने से इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।
सरकार ने ‘हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना’ को 31 मार्च 2020 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए 33,269 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह विभिन्न कृषि योजनाओं को मिलाकर चलाया जा रहा एक वृहद कार्यक्रम है।
किसानों को उनकी उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्राप्त हो यह सुनिश्चित करने के लिए कृषि मंत्रालय एक नई नीति पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए शीघ्र ही कैबिनेट नोट जारी करेगा।
नीति आयोग द्वारा गठित एक कार्यबल ने पराली और अन्य फसल अवशेष से निपटने के उपाय सुझाये हैं। इसमें उन किसानों को वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराने की वकालत की गयी है जिन्होंने अपने फसल अवशेष नहीं जलाए।
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