किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आपके पास आपका आधार, पैन, और फोटो होना जरूरी है। इससे यह पुष्टि होगी कि आप किसान हैं।
बैठक में सभी सरकारी बैंकों से देश के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्ध कराने के लिए पीएम किसान की मदद लेने का आग्रह किया गया।
किसानों की आय बढ़े और उनकी फसल उत्पादन की लागत घटे, इसके लिए मोदी सरकार ने पिछले आठ वर्षों के दौरान लगभग 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि चूंकि यह केंद्र सरकार का विषय है, इसलिए वह लहसुन के लिए एमएसपी तय करने के लिए केंद्र के साथ मामला उठाएंगे।
किसानों को बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme) एक बड़ी राहत प्रदान करती है। यह फसल के नुकसान का बीमा होता है, इसमें फसल बर्बाद होने पर नुकसान की भरपाई सरकार करती है।
उर्वरक मंत्रालय का भी मानना है कि इस तिमाही में फॉस्फोरिक एसिड का भाव 1,100 डॉलर प्रति टन से कम होना चाहिए।
Farmers की आय वित्त वर्ष 2017-18 के स्तर से वित्त वर्ष 2021-22 में औसतन 1.3 से 1.7 गुना बढ़ी है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI ) की एक शोध रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
मोदी सरकार ने अब किसानों को पीएम किसान योजना के तहत दिए जाने वाले पैसे को डाक विभाग के जरिए पहुंचाने का फैसला किया है।
खाद, बिजली और डीजल की लागत को समायोजित करने पर खेती की लागत 8.9 प्रतिशत बढ़ी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले पांच सालों में कृषि संबंधी लागत में जमीन-आमसान से अंतर आ गया है।
आगामी बजट में केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि में मिलने वाली सालाना 6 हजार रुपये की राशि को बढ़ा कर 8000 रुपये कर सकती है।
दीर्घकालीन कृषि ऋण 10 प्रतिशत की ब्याज दर पर देय होता है तथा समय पर ऋण चुकता करने वाले कृषकों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान देकर उन्हें राहत प्रदान की जाएगी।
राज्य में हरी मिर्च का ज्यादा उत्पादन होने से इसके थोक दाम गिर गए हैं, लेकिन आने वाले दिनों में जब यह सूख कर लाल हो जाएगी तो किसानों को इसका बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद है।
एनएसओ ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की भूमि और पशुधन के अलावा कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन किया। सर्वे के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के दौरान प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी।
किसान राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न बॉर्डर पर पिछले नौ महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की मांग पर अड़े हैं।
एक सरकारी बयान में सम्मेलन में तोमर के हवाले से कहा गया, ‘‘कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 5.5 करोड़ किसानों का डेटाबेस बनाया है और इसे राज्य सरकारों की मदद से दिसंबर 2021 तक बढ़ाकर आठ करोड़ किसान किया जाएगा।’’
किसानों को उद्यमी बनाने की उक्त योजना के तहत जल्दी ही प्रदेश के गांव-कस्बों में छोटे-छोटे उद्योग स्थापित किए जाने का सिलसिला शुरू होगा और इन उद्योगों में स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा।
कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों और राज्यों के साथ मिलकर केंद्र कई प्रयास कर रहा है ताकि किसानों को नए बीज और तकनीक उपलब्ध कराई जा सके।
राज्य सरकार ने इससे पहले कर्जमाफी योजना के तहत 5.85 लाख छोटे और सीमांत किसानों के लिए 4,700 करोड़ रुपये को माफ कर दिया था।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अपात्र लाभार्थियों के खातों में अंतरित धनराशि की वसूली की जिम्मेदारी संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार की है।
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