सीतारमण ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में सरकार 400 जिलों में डीपीआई का उपयोग करके खरीफ मौसम के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण करेगी। छह करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और भूमि रजिस्ट्री में लाया जाएगा।’’
धान की बुवाई का क्षेत्र पिछले साल के बराबर ही है, जबकि गन्ने की बुवाई बेहतर है। गैर-खाद्य फसलों में कपास की बुवाई काफी अधिक है। कुल बुवाई क्षेत्र सामान्य बुवाई क्षेत्र का 22 प्रतिशत है, जबकि 2023 में यह 18.6 प्रतिशत था।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह भी याद रखना चाहिए कि किसान भी एक उपभोक्ता है। गेहूं के अलावा, वह अपने दैनिक जीवन के लिए कई अन्य चीजें खरीदता है। महंगाई कम होना किसानों के हित में भी है।’’
साल 2022 में, गर्मी की लू के शुरुआती हमले ने भारत में गेहूं की फसल को प्रभावित किया और उत्पादन वर्ष 2021 के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 77 लाख टन रह गया।
अप्लाई करने से पहले आपके पास आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व पत्र और सेविंग बैंक अकाउंट होना चाहिए। मजबूत आर्थिक स्टेटस वाले कुछ खास कैटेगरी के लाभार्थी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के फायदे के लिए पात्र नहीं होते हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में यूरिया का आयात इससे पिछले साल के 91.36 लाख टन से घटकर 75.8 लाख टन रह गया। भारत को सालाना करीब 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है। मांडविया ने कहा कि स्थापित घरेलू उत्पादन क्षमता 2014-15 में 225 लाख टन से बढ़कर करीब 310 लाख टन हो गई है।
चंद ने कहा कि अगर व्यापारियों को बिना मांग और आपूर्ति के समर्थन वाली कीमत पर गेहूं या चावल खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है, तो खरीदारी नहीं होगी। चंद ने कहा कि जब सरकार किसी चीज (गेहूं या चावल) को फिर से उस कीमत पर खरीदती है जो मांग और आपूर्ति पर आधारित नहीं है, तो इसका आर्थिक प्रभाव होता है।
सरकार ने निर्देश दिया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। इसकी तैयारी भी कर ली गई है। किसी भी विषम परिस्थितियों के लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है।
खाद्य सचिव ने हाल में कहा था कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों के आंदोलन से खरीद परिचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। आमतौर पर गेहूं की खरीद अप्रैल से मार्च तक की जाती है। हालांकि, इस साल केंद्र ने बाजार में फसल की आवक के हिसाब से राज्यों को गेहूं खरीद की अनुमति दी है।
बुआई से पहले अरहर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को अपनी उपज बेचने के लिए प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से जिलों को 20 दिसंबर 2023 तक अपने मौजूदा खरीफ सर्वेक्षकों (वर्तमान में पोर्टल पर अनुपलब्ध के रूप में दर्शाया गया है) को सक्रिय करने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नए सर्वेक्षकों के लिए क्रेडेंशियल दिसंबर अंत तक बनाए जाने होंगे।
समस्त बुकिंग की सूची से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारी समिति के समक्ष रखी जाएगी। विभागीय पोर्टल पर ई-लॉटरी के माध्यम से ब्लॉकवार लक्ष्यों के सापेक्ष लाभार्थी का चयन किया जायेगा।
किसानों ने कहा कि गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी को बहुत कम बताया है और राज्य सरकार के कदम को विश्वासघात करार दिया। किसानों ने इसे 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की थी।
ड्रोन और उसके सामान की कुल लागत लगभग 10 लाख रुपये है। लागत का करीब 80 प्रतिशत या आठ लाख रुपये तक केंद्र द्वारा प्रदान किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि ड्रोन पायलट को 15,000 रुपये और सह-पायलट को करीब 10,000 रुपये का मानदेय मिलेगा।
राज्य सरकार किसानों सहित सहकारी क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के कल्याण के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। विभाग किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) रखने वाले किसानों को ब्याज मुक्त, अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया में है।
इंसेंटिव का मकसद मेरा पानी-मेरी विरासत योजना (Mera Paani-Meri Virasat Scheme) के तहत सरकारी किसानों को मक्का, कपास, बाजरा, दालें, मसाले और फल के साथ ऑप्शनल कारोबार शुरू करने के लिए धान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कुंभ के दूसरे एडिशन में 2 लाख से अधिक किसानों, 10 भागीदार देशों और 500 से अधिक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों और संस्थानों के भाग लेने की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में किसानों की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करके उन्हें 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत, पात्र किसानों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है।
बीते अप्रैल महीने में झारखंड सरकार के कैबिनेट ने लाह की खेती को कृषि का दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
लेटेस्ट न्यूज़