नोटबंदी के कारण कृषि क्षेत्र बुरे दौर से गुजर रहा है और बड़े किसानों का कहना है कि फल एवं सब्जी उत्पादकों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है।
प्याज की थोक कीमतों पर अंकुश लगाने तथा किसानों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर दी जा रही रियायतें तीन महीने के लिए बढ़ा दी
तुअर दाल की दरें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम होने के कारण नाफेड ने खरीदारी शुरु कर दी है। कीमतें 5050 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आ गई हैं।
गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी खत्म कर दी है। इससे पहले गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 प्रतिशत थी।
सरकार द्वारा 500 और 1000 का नोट बंद करने के फैसले के बाद से बैंकों को 18 नवंबर तक 5.44 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट बदले या जमा किए हैं।
नोटबंदी से परेशान किसानों के लिए राहत भरी खबर है। सरकार ने किसानों को 500 रुपये के पुराने नोटों से फसलों के बीज खरीदने की अनुमति प्रदान कर दी है।
पिछले चार साल के दौरान प्रतिदिन 550 नौकरियां 'गायब' हुई हैं। यदि यही रुख जारी रहा तो 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे।
डीबीटी के तहत सब्सिडी सीधे किसान के बैंक खाते में जाएगी। खरीफ सत्र में उर्वरक सब्सिडी को डीबीटी में लाने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की है।
राधा मोहन सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों को जरूरत के मुताबिक, समयबद्ध तरीके से ऋण मुहैया कराने के लिए तेजी से काम कर रही है।
प्याज के दाम में भारी गिरावट आने से प्याज किसानों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए नितिन गडकरी ने व्यापारियों से निर्यात बढ़ाने को कहा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में करीब 16 फीसदी योगदान देने वाला कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रच्छन्न बेरोजगारी है।
अगले पांच वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने के मकसद के साथ खेती के कामकाज के मशीनीकरण से उत्पादन में 20 फीसदी तक की वृद्धि होगी।
किसानों को चालू वित्त वर्ष में तीन लाख रुपए तक का लघु अवधि फसल ऋण 7 फीसदी की घटी ब्याज दर पर मिलेगा।
सरकार ने कहा कि चीनी मिलों ने गन्ना किसानों के 48,675 करोड़ रुपए के बकाए का भुगतान कर दिया है, जो कुल बकाये का 92 फीसदी है।
कृषि मंत्रालय ने बैंकों को तीन फीसदी ब्याज सहायता प्रदान करने हेतु मंत्रिमंडल नोट आगे बढ़ाया है ताकि किसानों को ऋण 7% ब्याज दर पर दिया जा सके।
अमेरिका और चीन समेत 50 से ज्यादा देशों ने पिछले तीन सालों में किसानों पर 585 अरब डॉलर वार्षिक आधार पर खर्च किए
घरेलू ब्रोकरेज कंपनी जेएम फाइनेंशियल के मुताबिक दो साल कमजोर मानसून रहने के कारण इन किसानों का कर्ज बढ़कर उनकी सम्पत्ति का 22 फीसदी हो गया है।
सरकार बफर स्टॉक बनाने के लिए अपने लक्ष्य से अधिक किसानों से 20,000 टन प्याज खरीदा है। सरकार प्याज का इस्तेमाल कीमत बढ़ने पर करेगी।
देश भर में गन्ना किसानों का पिछले दो सीजन के दौरान मिलों पर गन्ने का बकाया 10,000 करोड़ रुपए रहा है। इसमें सबसे अधिक बकाया उत्तर प्रदेश की मिलों पर है।
किसान ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि जिला कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) में लगभग एक टन प्याज बेचकर वह केवल एक रुपया ही कमा सका है।
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