कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच खरीफ मौसम शुरू हो रहा है इसलिए खरीफ से पहले की अवधि में किए जाने वाले सामान्य कृषि कार्य बाधित होने की आशंका है
इस कदम का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में धान के अलावा अन्य फसलों की पैदावार बढ़ाने को प्रोत्साहित करना है।
केंद्र सरकार हर साल रासायनिक खादों पर सब्सिडी पर करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। DAP में सब्सिडी बढ़ाने के साथ ही खरीफ सीजन में 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे|
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9.5 करोड़ किसानों के लिये 19000 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गयी है। ये योजना के तहत दी जाने वाली 8वीं किस्त है।
आज बंगाल के लाखों किसानों को पहली किस्त पहुंची है। जैसे-जैसे राज्यों से किसानों के नाम केंद्र सरकार को मिलेंगे, वैसे वैसे लाभार्थी किसानों की संख्या और बढ़ती जाएगी।
सरकार लगातार ऐसे अभियान चला रही है जिसमें योग्यता न होने पर भी पैसा पाने वालों से रकम वापस ली जा रही है। ऐसे किसानों की सबसे ज्यादा संख्या पंजाब, असम, महाराष्ट्र गुजरात और उत्तर प्रदेश में है।
प्रधानमंत्री कल पीएम किसान योजना के तहत देश के 9.5 करोड़ किसानों के खातों में 8वीं किस्त के तौर पर 19,000 करोड़ रुपये की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से हस्तांतरित करेंगे।
सचिव पांडेय ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दो महीने की अवधि यानी मई और जून, 2021 के लिए लागू किया जा रहा है। इसी तरह के पैटर्न के अनुसार, प्रति माह पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति के अनुसार अतिरिक्त खाद्यान्न लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को दिया जाएगा।
पिछले 20 वर्षों में यह पहली बार है जब आपात स्थिति में गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान की सुविधा दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक कोरोना संकट और अपात्र किसानों से पैसा वसूलने की प्रक्रिया की वजह से किसानों को किस्त मिलने में देरी हो रही है।
अब हमारे किसान इस प्लेटफॉर्म के जरिये आसानी से अपने उत्पादन बेच सकते हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि के 8वीं किस्त के पैसे जल्द ही सभी किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। ऐसे में कई लोगों को यह पैसा नही मिल पाएगा।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद बादल ने यह जानकारी दी।
अब कोई किसान गोदामों में रखी अपनी फसल के एवज में 75 लाख रुपये तक बैंक से कर्ज ले सकता है।
नियमों के मुताबिक अब कोई किसान गोदामों में रखी अपनी फसल के एवज में 75 लाख रुपये तक बैंक से कर्ज ले सकता है। पहले यह सीमा 50 लाख रुपये थी। पंजीकृत गोदामों में रखी फसल की रसीद के आधार पर किसानों को यह कर्ज मिलता है।
2016 में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य की घोषणा की गई थी तब उसका आधार वर्ष 2015-16 रखा गया था। सरकार ने सात साल में यानी 2022-23 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
किसान आंदोलन और देश में गहराते कोरोना के कहर के बावजूद रबी फसलों की कटाई और जायद सीजन की फसलों की बुवाई निर्बाध तरीके से चल रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को घोषणा की कि यदि एक अप्रैल से शुरू होने वाले रबी सत्र के दौरान किसानों को उनकी फसलों की खरीद के लिए भुगतान किये जाने में देर की जाती है तो उन्हें नौ प्रतिशत की ब्याज का भी भुगतान किया जायेगा।
सरकार की इच्छा है कि पीएम किसान योजना की भांति उर्वरक सब्सिडी का भुगतान भी सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जाए।
होली से ठीक पहले छत्तीसगढ़ के किसानों को बड़ा तोहफा मिला है। राज्य सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी है।
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