प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में मोदी कैबिनेट ने किसानों को बड़ा दिया तोहफा दिया है।
देश के किसानों को अब वाजिब दाम नहीं मिलने के कारण सड़कों पर टमाटर फेंकने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए सरकार जल्द ही किसान रेल चलाने चलाने जा रही है।
आंकड़ों के मुताबिक लगभग 2.51 करोड़ किसान ऐसे हैं जिन्हें अभी तक दूसरी किस्त का भुगतान नहीं हुआ है। 5.16 करोड़ किसानों को अभी तक तीसरी किस्त का भुगतान नहीं किया गया है।
जल संकट से जूझ रहे देश के 100 जिलों के लिये सरकार विस्तृत योजना लाने वाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की।
सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण देने का लक्ष्य तय किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा नाबार्ड पुनर्वित्त योजना का विस्तार किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों की भलाई के लिए 16 सूत्रीय योजना बनाई है। इस बार बजट में किसानों के लिए कुसुम योजना को लॉन्च किया गया है।
पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले छोटे एवं सीमांत किसानों की सहायता के लिए लाई गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या लगातार घटती जा रही है।
दोनों देश एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं और इस लिहाज से व्यापार को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
इस योजना के तहत दुर्घटना में मृत किसानों या दिव्यांग के परिजनों को पांच लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी।
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब और कर्नाटक सहित आठ राज्यों ने कृषि निर्यात नीति के लिए कार्रवाई योजना तैयार की है। इस नीति का मकसद कृषि निर्यात को दोगुना करना है।
एनसीडीईएक्स महाराष्ट्र के अकोला जिले के खामगांव में कृषि उत्पन्न बाजार समिति के साथ गठजोड़ कर इलाके के हजारों किसानों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहा है।
कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 11,379 व्यक्तियों ने 2016 के दौरान आत्महत्या कर ली थीं लेकिन उसके बाद से किसानों द्वारा आत्महत्या करने के संबंध में सरकार ने कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को बताया कि किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लिए सरकार ने एक रोडमैप बनाया है।
निंजाकार्ट के पास 7 शहरों में 44,000 से अधिक किसान आपूर्तिकर्ता और 60,000 से अधिक किराना स्टोर व रेस्टॉरेंट्स का ग्राहक आधार है।
किसानों के पंजीकरण को आसान बनाने के लिए पीएम-किसान पोर्टल पर फार्मर्स कॉर्नर की विशेष सुविधा प्रदान की गई है। इसके जरिये किसान खुद ही अपना पंजीकरण कर सकते हैं।
मंत्री ने बताया कि लगभग 7.6 करोड़ किसानों को 30 नवंबर, 2019 तक इस योजना के तहत फायदा मिला है।
पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसान अब योजना का लाभ पाने के लिए साझा सेवा केंद्रों पर पंजीकरण करा सकते हैं। योजना के लिये इन केन्द्रों ने पंजीकरण का काम शुरू कर दिया है।
मोदी सरकार इस समय जिस योजना पर पूरे जोर-शोर से काम कर रही है उससे अगले कुछ महीनों में देश के 11.5 करोड़ किसान परिवारों से सीधा संपर्क किया जा सकेगा।
देश की राजधानी दिल्ली में पहली बार तीन दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय सहकारिता व्यापार मेला (आईआईसीटीएफ) 2019 का आयोजन किया जा रहा है।
4 सितंबर को श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर शाहिद इकबाल चौधरी परिमपोरा फल मंडी का दौरा किया और योजना की तैयारियों का जायजा लिया।
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