सूरजमुखी के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का इंतजार कर रहे हैं और निजी व्यापारियों को अपनी उपज बेचकर किसानों को 1,500 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद बादल ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को घोषणा की कि यदि एक अप्रैल से शुरू होने वाले रबी सत्र के दौरान किसानों को उनकी फसलों की खरीद के लिए भुगतान किये जाने में देर की जाती है तो उन्हें नौ प्रतिशत की ब्याज का भी भुगतान किया जायेगा।
पीएम मोदी ने देश को FDI यानी फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट की नई परिभाषा बताई, जो किसान आंदोलन के संदर्भ में निकल कर सामने आई है।
केंद्र कृषि कानूनों के विरोध के बीच देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पंजाब के कृषि कानूनों को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
किसान आंदोलन के हंगामे के बीच शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया और इसके साथ शुरू हो गईं देश की जनता की उम्मीदें। कोरोना काल के बाद आ रहे इस बजट में क्या होगा राहत मिलेगी या खर्चा बढ़ेगा इस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं
कैट ने सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध किया है कि व्यापारियों एवं अन्य लोगों की परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच इस मामले की तुरंत सुनवाई की तारीख निश्चित करे।
अनाज खरीद की ऐतिहासिक प्रवृत्ति को देखा जाए तो कुल गेहूं उत्पादन का केवल 25 से 35 प्रतिशत की ही खरीदी होती रही है।
सीआईआई ने कहा कि अर्थव्यवस्था को वृद्धि की राह पर लाने की चुनौती के बीच हम सभी अंशधारकों से आग्रह करते हैं कि वे मौजूदा विरोध-प्रदर्शन के बीच कोई रास्ता ढूंढे और आपसी सहमति के समाधान पर पहुंचें।
सीआईआई ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन से आपूर्ति श्रृंखला पहले ही काफी बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब आपूर्ति श्रृंखला में सुधार हो रहा था लेकिन किसान आंदोलन की वजह से यह फिर दबाव में आ गई है।
किसानों के आंदोलन के चलते रेल यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। किसानों के जारी प्रदर्शन को देखते हुए उत्तर रेलवे ने कुछ ट्रेनों के संचालन में कुछ बदलाव किया है।
देश के कुछेक राज्यों में किसान आंदोलन के बावजूद सब्जियों की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और दूध के दाम तो 3 दिन से स्थिर हैं। इस तरह की खबरें आ रही थी कि कई जगहों पर किसानों ने फल और सब्जियां सड़कों पर फैंकी हैं और साथ में दूध भी सड़कों और नालियों में बहा दिया है। लेकिन कीमतों को देखते हुए लग रहा है कि यह घटनाएं कुछ सीमित जगहों पर ही हुई हैं, शायद यही वजह है कि सब्जियों और दूध की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
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