केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद बादल ने यह जानकारी दी।
अब कोई किसान गोदामों में रखी अपनी फसल के एवज में 75 लाख रुपये तक बैंक से कर्ज ले सकता है।
नियमों के मुताबिक अब कोई किसान गोदामों में रखी अपनी फसल के एवज में 75 लाख रुपये तक बैंक से कर्ज ले सकता है। पहले यह सीमा 50 लाख रुपये थी। पंजीकृत गोदामों में रखी फसल की रसीद के आधार पर किसानों को यह कर्ज मिलता है।
2016 में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य की घोषणा की गई थी तब उसका आधार वर्ष 2015-16 रखा गया था। सरकार ने सात साल में यानी 2022-23 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
किसान आंदोलन और देश में गहराते कोरोना के कहर के बावजूद रबी फसलों की कटाई और जायद सीजन की फसलों की बुवाई निर्बाध तरीके से चल रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को घोषणा की कि यदि एक अप्रैल से शुरू होने वाले रबी सत्र के दौरान किसानों को उनकी फसलों की खरीद के लिए भुगतान किये जाने में देर की जाती है तो उन्हें नौ प्रतिशत की ब्याज का भी भुगतान किया जायेगा।
सरकार की इच्छा है कि पीएम किसान योजना की भांति उर्वरक सब्सिडी का भुगतान भी सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जाए।
होली से ठीक पहले छत्तीसगढ़ के किसानों को बड़ा तोहफा मिला है। राज्य सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी है।
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने कहा है कि गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से 15 जून तक की जाएगी। क्रय केंद्र रविवार और अन्य छुट्टियों को छोड़कर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक संचालित रहेंगे।
रबी की अच्छी फसल की वजह से उत्पादक और उपभोक्ता दोनों क्षेत्रों में आलू के दाम 50 प्रतिशत घटकर 5-6 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गए हैं। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
देश की चीनी मिलों पर गन्ने के दाम का बकाया फिर बढ़कर करीब 20,000 करोड़ रुपये हो गया है और इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर 10,000 करोड़ रुपये के करीब है।
कृषि मंत्री ने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत अपात्र किसानों से वसूली के तहत महाराष्ट्र में इस साल 11 मार्च तक लगभग 78.37 करोड़ रुपये की वसूली जा चुकी है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना एक केंद्रीय योजना है। इसके लिए 100 प्रतिशत फंडिंग केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि आज भी मोदी सरकार खड़ी है कि किसान बातचीत के लिए टेबल पर आएं। इस आंदोलन से देश को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसलिए किसानों से विनती है कि वे वार्ता के लिए टेबल पर आएं और इस समस्या को हल करें।
प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना को सितंबर 2019 में लॉन्च किया गया था और इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2021-22 तक लगभग 5 करोड़ लाभार्थियों को शामिल करना था।
रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को दो साल पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में लॉन्च किया था।
पंजाब में अमरिन्दर सिंह की अगुवाई वाली सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिये 1,68,015 करोड़ रुपये का अपना अंतिम बजट पेश किया। इसमें कृषि, शहरी विकास, जल संसाधन, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों के लिये बड़ी राशि का प्रावधान किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की मृत्यु होने के पश्चात उनके वैधानिक उत्तराधिकारियों को योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पहले केसीसी के तहत लोन पाने की प्रक्रिया कठिन थी। इसीलिए पीएम किसान स्कीम से केसीसी को जोड़ दिया गया है।
इफको हमेशा किसानों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और उसका उद्देश्य किसानों के लिए कृषि इनपुट लागत को कम करना है।
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