इस योजना के तहत सरकार किसानों के बैंक खातों में हर साल 6,000 रुपए जमा करती है। यह राशि तीन बराबर किस्तों में किसानों के बैंक खातों में सीधे डाली जाती है।
योनो कृषि एप हिंदी व अंग्रेजी के अलावा दस क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध है, जिसमें कृषि मंडी व कृषि मित्रा सहित कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। बैंक के लाखों किसान ग्राहक हैं, इनके अलावा भी देश के किसान घर बैठे इन सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं।
इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को फसल को अच्छे से अच्छे दाम पर बेचने के रास्ते बताए जाएंगे और अच्छी पैदावार के लिए विशेषज्ञों की सही सलाह उपलब्ध कराई जाएगी।
कार्यक्रम की शुरुआत से पहले ही किसानों के बैंक खातों में सुबह-सुबह ही धन हस्तांतरण शुरू कर दिया गया। इससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई।
केवीआईसी को 10-15 वर्षों में तैयार होने वाले चंदन के पेड़ों से 50 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है, जबकि बांस के पेड़ों से तीन साल बाद हर साल चार से पांच लाख रुपए मिलने का अनुमान है।
“सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर प्रतिबद्ध”
कृषि व बागवानी क्षेत्र में उत्पादकता में सुधार पर सरकार का फोकस
सरकार ने मई में मछुआरों और पशुपालन उद्योग से जुड़े कृषक समेत 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये 2 लाख करोड़ रुपए का रियायती कर्ज देने की घोषणा की थी।
मई के दौरान खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़त दर्ज
गन्ना और चीनी उद्योग पर नीति अयोग द्वारा गठित एक टास्क फोर्स ने दो रुपए प्रति किलो की एकमुश्त वृद्धि की सिफारिश की है।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने 23 मई 2020 को सभी ऋण देने वाली संस्थाओं को कर्ज की किस्तों के भुगतान से छूट (मोराटोरियम) को तीन महीने बढ़ाने की स्वीकृति दी थी।
यह विपणन की लागत को कम करेगा और किसानों की आय में सुधार करेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड का बकाया रकम चुकाने की छूट 3 महीने और बढ़ी
दोनों कंपनियों के बीच इस गठबंधन से जहां एक तरफ मास्टकार्ड का वैश्विक और स्थानीय अनुभव काम आएगा, वहीं इसमें एयरटेल पेमेंट्स बैंक के वितरण नेटवर्क का लाभ भी मिलेगा।
योजना के तहत किसानों को 4 किस्तों में मिलेंगे 5700 करोड़ रुपये
किसानों को यूरिया और पी एण्ड के 21 ग्रेड के उर्वरकों को सस्ती दर पर सुलभ कराने के लिए सब्सिडी
एप पर 5 लाख से ज्यादा ट्रक किसानों के उत्पाद को खेत से मंडी तक पहुंचाएंगे
प्रोफेसर त्रिलोचन शास्त्री की ओर से दायर याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है ताकि रबी फसलों की कटाई और खरीफ की बुवाई समय पर करने के लिए जिलों व राज्यों के बीच मजदूरों का आवागमन सुनिश्चित हो।
कोरोना वायरस ने सब तरह की प्रगति को ठप्प कर दिया है। इस प्रभाव से खुशियों का प्रतीक फूल व्यवसाय भी अछूता नहीं है। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के वजीरगंज क्षेत्र में लॉकडाउन में 6 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कोरोनावायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप मद्देनजर किसानों को अनजान श्रमिकों से काम नहीं लेने की सलाह दी है।
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