तोमर ने लोकसभा में बताया कि सरकार किसान संगठनों के साथ अभी भी बातचीत जारी रखे हुए है।
इसके लिए सरकार ने 16.5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने कृषि ऋण के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।
किसान आंदोलन के हंगामे के बीच शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया और इसके साथ शुरू हो गईं देश की जनता की उम्मीदें। कोरोना काल के बाद आ रहे इस बजट में क्या होगा राहत मिलेगी या खर्चा बढ़ेगा इस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं
बहुत से किसानों को ये नहीं मालूम कि अगर उनके परिवार में कोई आयकर दाता है, तो इस योजना का लाभ उसे नहीं मिलेगा।
इस वर्ष एसएफएसी को 566 एफपीओ बनाने का लक्ष्य आवंटित किया गया है और इस दिशा में जमीनी स्तर पर कार्य शुरू हो चुका है। सरकार का 10,000 एफपीओ बनाने का लक्ष्य और इस पर 6,850 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना।
दिल्ली में आज किसान नेताओं ने ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया था। जिसमें कई जगह हिंसा हुई, और रास्तों को बंद करना पड़ा। इस वजह से लोगों को आने जाने में काफी मुश्किलें हुई हैं।
कृषि ऋण के लक्ष्य में हर साल निरंतर वृद्धि हो रही है और हर साल तय लक्ष्य से अधिक ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
केंद्र ने 25 जनवरी तक 583.31 लाख टन धान की खरीद की है, जो एक साल पहले की अवधि में 483.92 लाख टन की खरीद के मुकाबले 20.53 प्रतिशत अधिक है। धान की अब तक 583.31 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब का योगदान 202.77 लाख टन है।
मंत्री समूह के साथ 22 जनवरी को किसान यूनियनों के साथ आखिरी दौर की वार्ता में केंद्रीय मंत्री तोमर ने साफ कहा कि नये कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर डेढ़ साल तक रोक लगाने के सरकार के प्रस्ताव पर जब किसान यूनियन सहमत होंगे तभी उनके साथ बातचीत होगी।
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को भेजी जाने वाली रकम बहुत से किसानों तक नहीं पहुंच पाई। ट्रांसफर में असफलता के मामले मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सबसे अधिक हैं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि नए कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता को बढ़ाएंगे।
भारत सरकार ने 5 वर्ष पहले, 13 जनवरी 2016 को देश के किसानों के लिए फसलों के जोखिम कवरेज को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी।
कृषि राज्यमंत्री के मुताबिक केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए व्यापक योजनाएं लागू की हैं, जिसका लक्ष्य 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। नए कानून इसी दिशा में है अगर किसानों को कोई आपत्ति है तो सरकार उनसे बात कर संशोधन के लिए तैयार हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के किसानों के कल्याण और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए बुधवार को किसान कल्याण मिशन (Kisan Kalyan Mission) की शुरुआत की।
Reliance Jio ने आरोप लगाया है कि उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां Airtel और Vodafone Idea किसान प्रदर्शनकारियों को उसके टॉवर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसा रही हैं।
इस क्विज में प्रतियोगियों से किसान, खेती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, खेती के सुधार और खेती की तकनीक से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। इस क्विज का मकसद लोगों को खेती, कृषि अर्थव्यवस्था को लेकर जागरुक बनना है।
सितंबर में लागू, किये गये तीन कृषि कानूनों को केंद्र सरकार, कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश कर रही है जो किसानों और बाजार के बीच बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी बेचने की छूट देगा। हालाँकि, प्रदर्शनकारी किसानों इनका विरोध करते हुए कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
सरकार ने आंदोलनकारी किसान संगठनों को पत्र लिखकर 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। ये बैठक दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। इससे पहले दोनो पक्षों में कई दौर की बात हो चुकी है हालांकि अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
सूत्रों के मुताबिक पिछले 24 घंटे के अंदर 151 दूरसंचार टावर को नुकसान पहुंचाया गया है। इसके साथ ही अब तक कुल 1,338 दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र लाभार्थी को एक साल में केंद्र सरकार की ओर से 6000 रुपये की वित्तीय मदद तीन बराबर किस्तों में प्रदान की जाती है।
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