दीर्घकालीन कृषि ऋण 10 प्रतिशत की ब्याज दर पर देय होता है तथा समय पर ऋण चुकता करने वाले कृषकों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान देकर उन्हें राहत प्रदान की जाएगी।
सरकार ने सोमवार को कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों सहित किसानों का कर्ज माफ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मुख्यमंत्री ने इस फैसले को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए वित्त और सहकारी विभाग को जल्द प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
अब कोई किसान गोदामों में रखी अपनी फसल के एवज में 75 लाख रुपये तक बैंक से कर्ज ले सकता है।
डीएमके के इसी वादे को करारा जबाव देने के लिए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने आज किसानों का ऋण माफ करने की घोषणा की है।
इसके लिए सरकार ने 16.5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने कृषि ऋण के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।
कृषि ऋण के लक्ष्य में हर साल निरंतर वृद्धि हो रही है और हर साल तय लक्ष्य से अधिक ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
वित्त मंत्री को ग्रामीण इलाकों से मांग बढ़ने की उम्मीद
पिछले एक दशक में विभिन्न राज्यों ने कुल 4.7 लाख करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ किए हैं। यह उद्योग जगत से संबंधित गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का 82 प्रतिशत है।
अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले किसानों के अनुकूल कई छूटें दी जा सकती हैं। किसानों की कर्ज माफी ही 40 अरब डॉलर (2.8 लाख करोड़ रुपए) यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के डेढ़ प्रतिशत को पार कर जाएगा।
किसानों को बड़ी राहत देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने आज कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के पहले बजट में 34,000 करोड़ रुपए की कृषि ऋण माफी योजना की घोषणा की।
मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में किसानों की कर्ज माफी पर फैसला लिया गया। बैठक में सहकारी मंत्री बंदेप्पा खाशेमपुर, कृषि मंत्री एन एच शिवशंकर रेड्डी और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही बीएस येदियुरप्पा ने पहला फैसला लेते हुए बड़ी घोषणा की है। अपने पहले फैसले ने येदियुरप्पा ने राज्य के किसानों का 1 लाख रुपए तक का कर्ज माफ कर दिया है। येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री बनते ही पहली कैबिनेट बैठक की और बैठक के बाद किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की। राज्य सरकार के इस फैसले का लाभ उन किसानों को होगा जिन्होंने राष्ट्रीय या सहकारी बैंकों से कर्ज लिया होगा
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि ऋण माफी योजना की शुरुआत की। सिंह ने मनसा, बठिंडा, फरीदकोट, मुक्तसर और मोगा जिलों के 10 किसानों को सांकेतिक तौर पर ऋणमाफी प्रमाणपत्र सौंपा। इस योजना से आज करीब 47 हजार किसानों को माफी दी जा रही है।
किसानों की कर्ज माफी को लेकर तेज होती आवाज के बीच रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहा कि इस तरह के कदम अर्थव्यवस्था और ऋण संस्कृति के लिए ठीक नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि ऋण माफी योजना के पहले चरण में 11 लाख 93 हजार लघु एवं सीमान्त किसानों का कर्ज माफ किया गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि केंद्र सरकार किसानों का कर्ज माफ करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।
महाराष्ट्र सरकार की कर्ज माफी योजना का फायदा केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा जिनकी आय का एकमात्र स्रोत कृषि है।
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने कृषि ऋण पर 2 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और समय पर भुगतान करने वालों को 3 प्रतिशत अतिरिक्त सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
NABARD ने RBI के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि किसानों की कर्जमाफी नैतिक संकट है। NABARD के अनुसार, इस तरह की सुविधाएं केवल जरूरतमंदों को ही दी जानी चाहिए।
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