आज के समय में हमारे आस पास बहुत सारी चीजें ऐसी मौजूद है। जिसे आप इस स्मार्टफोन के जरिए चेक कर सकते हैं कि यह असली है या नकली। इसी तरह एक ऐप की मदद से किसी भी नकली नोट की पहचान कर सकते हैं। नोट चेक करते समय इन 3 बातों का रखें ध्यान।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में 2,000 रुपये मूल्य के 13,604 जाली नोटों का पता चला।
आरबीआई की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 2 लाख से ज्यादा नकली नोट बरामद किए गए हैं।
31 दिसंबर 2019 से 2 हजार के नोट बंद होने की झूठी खबर के बाद सोशल मीडिया पर 500 रुपए के असली और नकली नोट को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
नकली नोटों के चलन को रोकने के लिए मोदी सरकार कड़े कदम उठाने की तैयारी में है। एक संसदीय समिति ने बुधवार को ऊंचे मूल्य के नकली नोटों के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर विचार विमर्श किया।
दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने में मदद की योजना की दिशा में भारतीय रिजर्व बैंक ने एक और कदम बढ़ाया है। केंद्रीय बैंक ने मोबाइल एप बनाने के लिए कंपनी का चयन किया है। रिजर्व बैंक ने छह सितंबर को बंबई उच्च न्यायालय को बताया था कि इस प्रस्तावित मोबाइल एप्लिकेशन के लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के मांट तहसील की भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शाखा में नोटबंदी के दौरान 13,000 रुपए के नकली नोट जमा कराए गए थे।
नोटबंदी पर नेशनल काउंसिल आफ एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (NCAER) के सीनियर फेलो डॉ. कन्हैया सिंह से पूछे गए पांच सवाल और उनके जवाब
स्विट्जरलैंड में बीते साल 2017 में सिर्फ तीन भारतीय जाली नोट पकड़े गए। हालांकि, इससे पिछले साल स्विट्जरलैंड में जाली भारतीय मुद्रा की जब्ती का आंकड़ा चार गुना बढ़ा था। लंबे समय तक स्विट्जरलैंड को कालेधन का पनाहगाह कहा जाता रहा है।
नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी के बाद किए गए संदिग्ध जमा पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस दौरान नकली नोटों की संख्या अपने सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गई और संदिग्ध लेनदेन में 480 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
ऑलनाइन टेक्नोलॉजी कंपनी चेकफेक ब्रांड प्रोटेक्शन सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड ने चेकफेक नाम का एक नया एप पेश किया है, जिसकी मदद से दुनिया की किसी भी करेंसी की वास्तविकता को जांचा जा सकता है।
करेंसी वेरिफिकेशन सिस्टम्स की मदद से नोटबंदी के दौरान बैंकों में जमा हुए 500 और 1000 रुपए के नोटों में से नकली नोट की पहचान की जाएगी
बैंकिंग तंत्र में लेनदेन के दौरान नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले पिछले आठ साल में तेजी से बढ़े हैं। पिछले आठ साल में इनकी संख्या 3.53 लाख तक पहुंच गई।
RBI ने बढ़ते खतरे को देखते हुए मुद्रा के भंडारण और 4,000 करेंसी चेस्ट से मुद्रा लाने-ले जाने के लिए सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में पहल की है।
RBI 2000 के बाद अब 200 रुपए का नोट छापने की तैयारी में है। सोशल मीडिया में इन दिनों 200 रुपए का नोट वायरल हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक आरबीआई के डायरेक्टर्स ने 200 रुपए का नोट छापने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 1000 और 100 के नए नोट छापने का भी प्रस्ताव है।
जाली नोटों पर नकेल कसने के लिए सरकार 500 और 2000 के नोटों के सुरक्षा मार्क्स वैश्विक मानकों के अनुसार हर तीन चार साल में बदलने पर विचार कर रही है।
सरकार ने राज्य सभा को बताया कि नोटबंदी के बाद से कोई अच्छी गुणवत्ता वाले नकली नोट बरामद नहीं गए हैं। हालांकि, फोटोकॉपी किए गए नोट जरूर जब्त किए गए हैं।
इन दिनों तमाम बैंकों की एटीएम से नकली नोट निकलने की खबरें आ रही हैं। आपको यह जानकर हैरत होगी कि नोट देने वाली मशीनों में ऐसी कोई डिवाइस ही नहीं लगी होती।
निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक ICICI बैंक ने सोमवार को इस संभावना से इनकार किया कि उसकी एटीएम मशीनों से जाली नोट निकले हैं। बैंक मामले की जांच कर रहा है।
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