रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के जुटाए आंकड़ों के मुताबिक, 2013 और 2023 के बीच लगभग 53,000 आवास इकाइयां एक्सप्रेसवे के आसपास शुरू की गईं जिनमें से 80 प्रतिशत से अधिक इकाइयों की बिक्री पहले ही हो चुकी है।
गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के दौरान चार प्रमुख विभागों से मिलने वाली 153 अनापत्तियां में से 141 को प्राप्त कर लिया गया है। इस एक्सप्रेस-वे के लिए गंगा नदी पर (960 मीटर) और रामगंगा नदी पर (720 मीटर) जैसे बड़े सेतु का निर्माण भी होना है।
शीत ऋतु के दौरान कोहरे में रूट पर विजिबिलिटी कम होने के चलते होने वाली सडक दुर्घटनाओं की रोकथाम और उसमें कमी लाने के मकसद से कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में रूट पर चलने वाले वाहनों की गति सीमा कम की जा रही है।
यूपी में आने वाले समय में लाखों की संख्या में रोजगार सृजित होंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। इसी दिशा में एक्सप्रेस-वे मॉडल पर काम किया जा रहा है।
यह एक्सप्रेसवे 212 किलोमीटर लंबा है और इसकी निर्माण लागत 12,000 करोड़ रुपये है।
अब सड़क का सफर का भी आपके लिए महंगा होने वाला है, क्योंकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टोल टैक्स की दरों को बढ़ा दिया है, वहीं यह वृद्धि 1 अप्रैल, 2023 से लागू होगी।
माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे पर 610 रुपये टोल टैक्स वसूला जाएगा। वहीं, बस, ट्रक और भारी वाहनों से लगभग 935 रुपये, तो हल्के कमर्शियल वाहनों से 665 रुपए रुपये का टोल टैक्स वसूला जा सकता है।
Waste Plastic: केंद्र सरकार हर रोज विकास के नए तरीके खोज रही है। उसकी कोशिश पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए देश को नई दिशा देने की है। उसने हाइवे से लेकर किसी भी तरह की सड़क के निर्माण में वेस्ट प्लास्टिक के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है। यानि देश में प्लास्टिक की सड़के बनेंगी। आइए पूरी कहानी समझते हैं।
डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का कांसेप्ट है। साथ ही साथ कथा वाचनालय केंद्र बनेंगे।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बताया कि बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान 10,09,511 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले हैं।
कुल 6,538 करोड़ रुपये की लागत से मेरठ और बदायूं के बीच 129.7 किलोमीटर लंबी छह लेन वाली सड़क बनायी जाएगी। परियोजना का विकास बनाओ, चलाओ और सौंप दो (बीओटी) आधार पर किया जाएगा।
2021 के साल को एक्सप्रेस वे और एयरपोर्ट का साल कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे राज्यों में एक्सप्रेसवे का जाल तेजी से फैल रहा है।
राज्य में बनाए जाने वाले प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क में औद्योगिक इकाइयों के लिए सभी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। पार्क के मैन्युफैक्च रिंग जोन में फ्लैटनुमा कारखाने और फैक्ट्री शेड होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इनमें से एक लाख करोड़ रुपये का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक साल में पूरा हो जाएगा। वहीं दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन एक या दो माह में होगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 8,250 करोड़ रुपये का चंबल एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के दूरदराज के इलाकों के गरीबों और आदिवासियों के लिए पासा पलटने वाला साबित हो सकता है।
अमृतसर से गुरदासपुर के बीच सिग्नल फ्री रोड बनाने की योजना
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे परियोजना की अनुमानित लागत एक लाख करोड़ रुपए है।
उत्तर प्रदेश में निर्मित एवं निर्माणाधीन सभी एक्सप्रेस-वे के निकट औद्योगिक गलियारे का विकास किया जाएगा। इसके लिए भूमि चिन्हित करने की जिम्मेदारी मण्डलायुक्त/जिलाधिकारियों को दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस पर एक खुली जीप में यात्रा कर इसका उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वह भारत के पहले स्मार्ट और ग्रीन हाईवे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) को भी देश को समर्पित करेंगे
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को बताया है कि 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से दिल्ली से मुंबई के बीच एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है और यह रोड़ 3 साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
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