देश का माल और सेवाओं का निर्यात 2017-18 में 478 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 778 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। सभी एमएसएमई निर्माता निर्यातकों को 3 प्रतिशत की दर से ब्याज समतुल्यकरण लाभ प्रदान करती है।
नकद धन वापसी से समुद्री, चमड़ा, रत्न व आभूषण, कृषि और इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक, मोटर वाहन, मशीनरी और प्लास्टिक जैसे रोजगार-उन्मुख क्षेत्रों के हजारों निर्यातकों को मदद मिलेगी।
2020-21 में भारत-अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1.4 अरब डॉलर रहा, जो 2019-20 में 1.52 अरब डॉलर था। 2020-21 में भारत से निर्यात 82.6 करोड़ डॉलर और आयात 51.0 करोड़ डॉलर था।
सूत्रों के मुताबिक फर्जी तरीके से आईजीएसटी रिफंड लेने वालों में 7 स्टार एक्सपोर्टस दर्जा प्राप्त निर्यातक भी शामिल हैं, जिन्होंने ने 28.9 करोड़ रुपए का फर्जी आईसीएसटी रिफंड लिया है।
गोयल ने यह भी कहा कि हालांकि, कुल निर्यात 2018-19 में 537 अरब डॉलर रहा, लेकिन भारत को अगले पांच साल में 1,000 डॉलर का निर्यात हासिल करना होगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निर्यातकों को कर्ज में गिरावट पर चिंता जतायी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि सरकार निर्यातकों को सस्ती दर पर विदेशी मुद्रा में कर्ज देने के लिए जल्द ही दिशानिर्देश जारी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच साल में देश का कुल निर्यात 1,000 अरब डॉलर को पार पहुंचाना होगा।
सीबीआईसी ने अपने सीमा शुल्क और जीएसटी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पहले से निर्धारित जोखिम मानकों के आधार पर जोखिम वाले निर्यातकों के इनपुट कर क्रेडिट का सत्यापन करें।
निर्यातक अब कुरियर सेवा या डाक के जरिये पांच लाख रुपए की वस्तुओं का निर्यात कर सकते हैं। पहले यह सीमा 25,000 रुपए प्रति खेप थी।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने सोमवार को कहा कि देश भर के निर्यातक 25,000 करोड़ रुपए वापस किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। यह राशि जीएसटी नेटवर्क की ‘अक्षमता’ के कारण अटकी पड़ी है। उन्होंने कहा कि देश के निर्यातकों के तीन लाख आवेदन अटके हैं और उन्हें रिफंड का इंतजार है।
निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (FIEO) ने मंगलवार कहा कि निर्यातकों का सरकार के पास करीब 20,000 करोड़ रुपए का वस्तु एवं सेवा कर (GST) रिफंड अटका हुआ है।
केंद्र और राज्य सरकारों ने निर्यातकों के लिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी रिफंड को मंजूरी दे दी है।
शनिवार को आयोजित GST काउंसिल की बैठक GST रिटर्न के सरलीकरण को लेकर बेनतीजा रही। हालांकि, इस बैठक में दो मॉडल पर चर्चा तो की गई लेकिन अब निर्णय को GST काउंसिल की अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है।
सरकार ने निर्यात प्रोत्साहन के वास्ते वित्त वर्ष 2018-19 में ब्याज सब्सिडी योजना का आवंटन बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपये कर दिया है।
सरकार विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) की बहुप्रतीक्षित मध्यावधि समीक्षा मंगलवार को जारी करेगी। इसमें निर्यातकों की दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद निर्यातकों ने पहले चार महीनों जुलाई से अक्टूबर के लिए 6,500 करोड़ रुपए के रिफंड के लिए आवेदन किया है।
GST के क्रियान्वयन के बाद निर्यातकों ने पहले चार महीनों (जुलाई-अक्तूबर) में 6,500 करोड़ रुपये के रिफंड के लिए आवेदन किया है।
सरकार ने निर्यातकों को अपने GST रिफंड दावे हाथ से भरने की अनुमति दे दी है। अब निर्यातक कर अधिकारियों के सामने हाथ से अपने रिफंड दावे भर सकते हैं।
सरकार निर्यातकों के लंबित वस्तु एवं सेवा कर (GST) रिफंड को नवंबर के अंत तक पूरी तरह लौटा देगी। इसके साथ ही अगले छह महीनों तक निर्यात पर कोई कर नहीं लगेगा।
माना जा रहा है कि काउंसिल 1.5 करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को हर माह जीएसटी के भुगतान और मासिक रिटर्न फाइल करने से छूट दे सकती है।
जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को होने वाली बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। छोटे निर्यातकों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।
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