अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका कच्चे तेल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक बन गया है, जिसने 2020 तक नवंबर के दौरान लगभग 8.4 करोड़ बैरल और लगभग 11,500 करोड़ क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस का निर्यात किया है।
जनवरी में मारुति सुजुकी का निर्यात 29.92 प्रतिशत बढ़कर 12,345 इकाइयों पर पहुंच गया। इसके बाद हुंदै मोटर इंडिया का निर्यात 19 प्रतिशत गिरकर 8,100 इकाई रहा।
भारत ने 2020-21 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान 1,870 करोड़ रुपये (25.2 करोड़ डॉलर)मूल्य का गेहूं निर्यात किया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में गेहूं का निर्यात 336 करोड़ रुपये (480 लाख डॉलर) मूल्य का हुआ। इस प्रकार गेहूं निर्यात में रुपये के मूल्य में 456.41 फीसदी जबकि डॉलर के मूल्य में 431.10 फीसदी का इजाफा हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश का निर्यात जनवरी 2021 में सालाना आधार पर 5.37 प्रतिशत बढ़कर 27.24 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से फार्मा और इंजीनियरिंग क्षेत्र में अच्छी वृद्धि से निर्यात बढ़ा है। जनवरी के महीने में आयात भी 2 प्रतिशत बढ़कर 42 अरब डॉलर रहा।
कैबिनेट ने हाल ही में 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद को मंजूरी दे दी है। इन विमानों का निर्माण एचएएल और प्राइवेट सेक्टर की अन्य कंपनियां मेक इन इंडिया अभियान के तहत करेंगी। ये पूरा सौदा 48 हजार करोड़ रुपये का है। वहीं इससे पहले सरकार ने जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दी है।
रत्न एवं आभूषण उद्योग ने आगामी केंद्रीय बजट में सोने पर सीमा शुल्क को घटाकर चार प्रतिशत करने, स्रोत पर एकत्र किए गए कर (टीसीएस) को वापस लिए जाने, पॉलिश किए हुए बहुमूल्य एवं अर्ध-मूल्यवान रत्नों पर आयात शुल्क में कटौती किए जाने की मांग की है।
यात्री वाहनों का निर्यात साल भर पहले की 7,06,159 इकाइयों की तुलना में 39.38 प्रतिशत घटकर 4,28,098 इकाइयों पर आ गया। इस अवधि में यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 12.60 प्रतिशत, दोपहिया वाहनों का निर्यात 12.92 प्रतिशत घटा है।
इस साल एक से सात जनवरी के बीच आयात भी 1.07 प्रतिशत बढ़कर 8.7 अरब डॉलर रहा जो 2020 में इसी अवधि में 8.6 अरब डॉलर था। औषधि, पेट्रोलियम और इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात सबसे ज्यादा बढ़त
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चमड़ा और समुद्री उत्पादों जैसे क्षेत्रों में गिरावट के कारण, दिसंबर 2020 में भारत का निर्यात 0.8 प्रतिशत घटकर USD 26.89 बिलियन डॉलर रह गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चमड़ा और समुद्री उत्पादों जैसे क्षेत्रों में गिरावट के कारण, दिसंबर 2020 में भारत का निर्यात 0.8 प्रतिशत घटकर USD 26.89 बिलियन डॉलर रह गया।
संशोधित कुरियर इम्पोर्ट्स एंड एक्सपोर्ट (इलेक्ट्रॉनिक डिक्लरेशन एंड प्रोसेसिंग) संशोधन नियम, 2020 में कहा गया है कि कोविड-19 से संबंधित वैक्सीन के आयात और निर्यात को बिना किसी मूल्य सीमा के अनुमति प्रदान की जाती है।
चीनी मिलों को मार्केटिंग लागत के लिए 1600 रुपये प्रति टन की मदद दी जाएगी । इसके साथ ही चीनी के ट्रांसपोर्ट के लिए 2400 रुपये प्रति टन और भारत के बंदरगाहों से चीनी के शिपमेंट के लिए 2000 रुपये प्रति टन की मदद दी जाएगी।
सरकार ने सभी तरह के प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटा लिय़ा है। कीमतों में तेज उछाल को देखते हुए सरकार ने सितंबर में प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी
एग्री और फार्मा सेक्टर में बढ़त के बावजूद देश का निर्यात कारोबार नवंबर महीने में पिछले साल के इसी माह के मुकाबले 8.74 प्रतिशत गिरकर 23.52 अरब डालर रह गया। नवंबर के महीने में कुल निर्यात में ये गिरावट पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग, रसायन और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र से होने वाले निर्यात में कमी रहने की वजह से देखने को मिली है।
कंपनी ने एक बयान में कहा इसके लिए वह खानपान, दवा, उपभोक्ता उत्पाद, स्वास्थ्य उत्पाद, परिधान, गृहसज्जा, इत्यादि श्रेणी में निर्यात का विस्तार करेगी। कंपनी के मुताबिक इन क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा देने से नए आपूर्तिकर्ताओं के लिए अवसर पैदा होंगे।
चीन का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष रिकॉर्ड 75.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
वर्ष के पहले आठ माह में फार्मा क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इस क्षेत्र का निर्यात 15 प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा चावल का निर्यात 39 प्रतिशत और लौह अयस्क का 62 प्रतिशत बढ़ा है।
इस नीति का उद्देश्य निर्यात के क्षेत्र में विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और निर्यात इकाईयों, संगठनों को आवश्यक निर्यात-संबंधी सहायता और सेवा उपलब्ध कराना एवं राज्य से निर्यात को बढ़ाने के लिए तकनीकी और भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है।
देश से निर्यात होने वाले कुल मोबाइल फोन में स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 98 प्रतिशत से अधिक है।
कोविड-19 महामारी की वजह से हैंड सैनिटाइजर और इसकी बोतलों की मांग में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। इसी के चलते बोतल डिस्पेंसर या पंप की मांग कई गुना बढ़कर 50 लाख इकाई प्रतिदिन पर पहुंच गई है।
अक्टूबर में पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में सालाना आधार पर 52 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके साथ ही काजू का निर्यात 21.57 प्रतिशत, रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 21.27 प्रतिशत, चमड़े का निर्यात 16.67 प्रतिशत, मानव निर्मित धागे/कपड़े का निर्यात 12.8 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का निर्यात 9.4 प्रतिशत, कॉफी का निर्यात 9.2 प्रतिशत घट गया
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