ग्लोबल स्तर पर सुस्त मांग से देश का निर्यात आंकड़ा इस साल ज्यादातर समय गिरावट में रहा। हालांकि, सरकार की पहलों से 2016 में इसमें सुधार आने की उम्मीद है।
नवंबर का महीना आयात-निर्यात के लिहाज से सरकार के लिए राहत और आफत दोनों लेकर आया है। पिछले महीने निर्यात में 24.43 फीसदी घटकर 20.01 अरब डॉलर रहा।
सोमवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 67.09 के स्तर पर बंद हुआ। यह रुपए का बीते 27 महीने में सबसे निचला स्तर है।
वैश्विक व्यापार में कमजोरी के बीच निर्यात के कुछ क्षेत्रों जैसे रेडीमेड गारमेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में सुधार के संकेत दिख रहे हैं।
देश में अक्टूबर 2014 से सितंबर 2015 के दौरान कुल 32.87 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है। यह जानकारी सोमवार को संसर में दी गई।
अपनी खूबसूरत डिजाइनिंग और पॉलिशिंग के लिए प्रसिद्ध इंडियन जेम्स एंड ज्वैलरी की चमक विदेशों में फीकी पड़ती दिख रही है।
अमेरिका व यूरोप जैसे पारंपरिक बाजारों को पीछे छोड़ते हुए एशिया व अफ्रीका तेजी से भारत के प्रमुख निर्यात बाजारों के रूप में उभर रहे हैं।
ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें 5 साल के निचले स्तर पर होने के बावजूद अप्रैल-अक्टूबर के दौरान गोल्ड ज्वैलरी एक्सपोर्ट में 18 फीसदी की गिरावट आई है।
पिछले 11 महीने से लगातार गिरते एक्सपोर्ट को रोकने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को निर्यातकों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को अपनी मंजूरी दे दी है।
देश से वस्तुओं के निर्यात में लगातार 11वें महीने अक्टूबर में भी गिरावट दर्ज की गई है। अक्टूबर में निर्यात 17.53 फीसदी गिरकर 21.35 अरब डॉलर रहा है।
टेक्सटाइल, टेलिकॉम और इलेक्ट्रॉनिक जैसे उत्पादों का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए 3,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त ड्यूटी बेनेफिट देने की घोषणा की है।
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