घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने 101 हथियारों के आयात पर प्रतिबंध लगाया
लगातार पांचवे महीने देश के निर्यात में गिरावट दर्ज हुई
अमेरिका, इंग्लैंड, यूएई, सेनेगल और स्लोवेनिया को भेजे गए स्वदेश में बने PPE
कारोबारी संगठनों से निर्यात की संभावनाओ वाले क्षेत्रों की पहचान करने को कहा
अप्रैल से जुलाई के बीच तराशे गए हीरों का निर्यात पिछले साल के मुकाबले 46.5 फीसदी गिरा
देश के निर्यात में जून 2020 में लगातार चौथे माह गिरावट दर्ज
निर्यातकों को नवंबर तक महामारी से पहले की स्थिति तक पहुंचने की उम्मीद
चिकित्सकीय चश्में, दोहरी और तिहरी परत वाले सर्जिकल मास्क और जांच किट के निर्यात के लिए लाइसेंस लेने के वास्ते केवल पांच से आठ अगस्त के बीच ऑनलाइन आवेदन करने वाले निर्यातकों के आवेदन पर ही विचार किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने यह माना है कि हैंड सैनीटाइजर्स कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न इमरजेंसी की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है और इसकी आसान उपलब्धता सुनिश्चित करना लोगों के हित में है।
यात्री वाहनों का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 75 प्रतिशत गिरा
वर्ष 2019-20 के दौरान बांग्लादेश को लगभग 1,005 करोड़ रुपए मूल्य के 1,09,950 टन मसालों का निर्यात किया गया था। इसमें मुख्य रूप से जीरा, मिर्च, अदरक और हल्दी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक फर्जी तरीके से आईजीएसटी रिफंड लेने वालों में 7 स्टार एक्सपोर्टस दर्जा प्राप्त निर्यातक भी शामिल हैं, जिन्होंने ने 28.9 करोड़ रुपए का फर्जी आईसीएसटी रिफंड लिया है।
जून में निर्यात किये जाने वाले 14 प्रमुख कृषि उत्पादों में से 11 में ग्रोथ
बीते वित्त वर्ष में चीन को मूंगफली तेल के निर्यात में भारी बढ़त दर्ज
निर्यात में 12.51% की गिरावट के मुकाबले आयात में 47.59% की गिरावट
लॉकडाउन के कारण आपूर्ति व्यवस्था संबंधी मसले के कारण अमेरिका और मेक्सिको जैसे बाजारों में निर्यात में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
पीपीई किट कोविड-19 संक्रमित लोगों के इलाज में लगे चिकित्सा कर्मियों द्वारा पहनी जाती है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने वाणिज्य मंत्रालय से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट के निर्यात की अनुमति देने का अनुरोध किया है, क्योंकि अब देश में इनका अधिक मात्रा में उत्पादन हो रहा है।
भारत-चीन सीमा झड़पों और इसके बाद दोनों पक्षों में चल रही तनातनी के मद्देनजर भारतीय व्यापार और उद्योग की सबसे बुरी आशंकाएं सच होती दिख रही हैं।
इलेक्ट्रॉनिक, दूरसंचार, कपड़ा, वस्त्र, चमड़ा और जूते, खाद्य उत्पाद और कृषि, वाहन, इस्पात तथा दवा क्षेत्रों में भारतीय निर्यातकों के लिए यूरोपीय बाजारों में काफी संभावनाएं हैं।
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