भारतीय अब डिजिटल रूप से अधिक सक्रिय होते जो रहे हैं और इसके साथ ही उनके साथ फाइनेंशियल फ्रॉड का जोखिम भी बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चार में से एक भारतीय ग्राहक ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बनता है। वैश्विक वित्तीय सूचना कंपनी एक्सपेरियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 प्रतिशत भारतीय ऑनलाइन लेनदेन में सीधे धोखाधड़ी का शिकार बने हैं।
भारत में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जिनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है। हालांकि, बढ़ती प्रौद्योगिकी के इस दौर में कर्जदाताओं ने कुछ नए तरीके अपनाए हैं जिनके आधार पर वे बिना क्रेडिट वाले व्यक्ति को लोन देते हैं।
1 जनवरी से क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो के लिए एक वित्त वर्ष में प्रत्येक व्यक्ति को एक फ्री क्रेडिट स्कोर उपलब्ध कराना RBI ने अनिवार्य कर दिया गया है।
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