केंद्र सरकार पूर्व में कह चुकी है कि वाहन ईंधन पर करों में कटौती के लिए केंद्र और राज्यों की ओर से सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है।
सरकार को चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 10,000 करोड़ रुपये, 2023-24 में 31,150 करोड़ रुपये और उससे अगले साल में 52,860.17 करोड़ तथा 2025-26 में 36,913 करोड़ रुपये का भुगतान तेल बॉन्ड को लेकर करना है।
सीतारमण ने कहा कि पिछले सात सालों के दौरान तेल बॉन्ड पर कुल मिलाकर 70,195.72 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान किया गया है।
चालू वित्त वर्ष के पहले तीन माह (अप्रैल-जून) में पेट्रोल और डीजल पर कुल 94,181 करोड़ रुपये का उत्पाद शुल्क वसूला गया है।
चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पेट्रोल की कीमत में 39 बार, जबकि डीजल की कीमत में 36 बार बढ़ोतरी की गई है।
केंद्र गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के अलावा टीकों और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर पैसा खर्च कर रहा है। ऐसे में राज्य सरकारें कर घटाकर जनता को राहत दे सकती हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम उत्पादों पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क के रूप में केंद्र सरकार का अप्रत्यक्ष कर राजस्व लगभग 56.5 प्रतिशत बढ़ा है।
ईंधन की कीमतों में कटौती पर लगातार चर्चा की जा रही है और जहां तक मेरा मानना है कि जब उचित समय आएगा, तब सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का निर्णय लेगी।
पेट्रोल, डीजल और प्राकृति गैस पर संग्रहित कर का प्रतिशत सरकार के कुल राजस्व में 2014-15 के दौरान 5.4 प्रतिशत था जो चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 12.2 प्रतिशत हो गया है।
प्रधान ने कहा कि घरेलू सब्सिडीयुक्त एलपीजी की कीमत पिछले कुछ महीनों के दौरान बढ़ी है। दिसंबर 2020 में इसकी कीमत 594 रुपये प्रति सिलेंडर थी और अब इसकी कीमत 819 रुपये है।
पेट्रोल की खुदरा कीमत में केंद्र व राज्य सरकार के टैक्स का हिस्सा 60 प्रतिशत, जबकि डीजल की खुदरा कीमत में 54 प्रतिशत है। दिल्ली में पेट्रोल का भाव 91.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 81.47 रुपये प्रति लीटर है।
भारत ने बुधवार को सऊदी अरब और अन्य वैश्विक तेल उत्पादकों से कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का स्तर कम करने की अपील की है।
पेट्रोल पर केंद्र व राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने वाला कुल टैक्स 53.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 43.50 रुपये प्रति लीटर है।
पेट्रोल और डीजल की कीमत को घटाने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार ने 4 अक्टूबर, 2017 को पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी।
पेट्रोल पर वर्तमान में कुल एक्साइज ड्यूटी 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा है कि उत्पाद शुल्क में कटौती कर जनता को बड़ी राहत दी जा सकती है।
भारत में तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पिछले एक माह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लगभग स्थिर रखा है और इनमें कोई बदलाव नहीं किया है।
सरकार ने फिर पांच मई को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए। इस दो बार की वृद्धि से सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त कर राजस्व प्राप्त हुआ।
स्थानीय बिक्री कर या वैल्यू एडेड टैक्स (वैट), जो बेस प्राइज पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाए जाने के बाद लगाया जाता है, के बाद पेट्रोल की कीमत में 2.5 रुपए लीटर और डीजल की कीमत में 2.3 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि होगी।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर अपने मार्केटिंग मार्जिन में 1 रुपए प्रति लीटर की कटौती को बंद कर दिया है।
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