सेबी ने कहा, ''नए प्रोडक्ट का उद्देश्य अपंजीकृत और अनधिकृत निवेश योजनाओं या संस्थाओं के प्रसार को कम करना है, जो अक्सर अवास्तविक उच्च रिटर्न का वादा करते हैं और बेहतर यील्ड के लिए निवेशकों की अपेक्षाओं का फायदा उठाते हैं। इनमें वित्तीय जोखिम की आशंका होती है।''
ईपीएफओ ने 2016-17 में ईटीएफ में 14,983 करोड़ रुपये, 2017-18 में 24,790 करोड़ रुपये, 2018-19 में 27,974 करोड़ रुपये, 2019-20 में 31,501 करोड़ रुपये और 2020-21 में 32,071 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
Mutual Funds: बाजार नियामक सेबी ने जून 2022 में म्यूचुअल फंड को सात अरब डॉलर की निर्धारित सीमा के भीतर विदेशी शेयरों में निवेश की दोबारा मंजूरी दी थी। अब फिर एक और तारीख तय की है।
इस एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए केवल सरकारी कंपनियों के AAA-रेटेड बॉन्ड में निवेश किया जाता है।
वर्तमान में म्यूचुअल फंड इकाइयों को गोल्ड ईटीएफ पेश करने की ही अनुमति है। लेकिन नए प्रावधान आने के बाद सिल्वर ईटीएफ का रास्ता भी खुल गया है।
गोल्ड ईटीएफ में इस जुलाई को छोड़कर बाकी सभी महीने निवेशकों का निवेश बढ़ा है। ईटीएफ श्रेणी में अबतक शुद्ध रूप से 3,515 करोड़ रुपये का निवेश आया है
गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फोलियो की संख्या अगस्त में 21.46 लाख तक पहुंच गई जो पिछले महीने में 19.13 लाख थी।
गोल्ड ईटीएफ श्रेणी में दिसंबर, 2020 से निवेश का प्रवाह लगातार बढ़ रहा था। इससे पहले जून में गोल्ड ईटीएफ में 360 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
वित्त वर्ष 2020-21 में ईपीएफओ को इक्विटी निवेश 31,025 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2019-20 में 32,377 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2018-19 में 27,743 करोड़ रुपये रहा।
एम्फी के आंकड़ों के अनुसार हाल में समाप्त वित्त वर्ष में निवेशकों ने गोल्ड से जुड़े 14 ईटीएफ में शुद्ध रूप से 6,919 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह 2019-20 में हुए 1,614 करोड़ रुपये के निवेश का चार गुना है।
इससे पहले जनवरी में निवेशकों ने स्वर्ण ईटीएफ में शुद्ध रूप से 625 करोड़ रुपये और दिसंबर में 431 करोड़ रुपये निवेश किया था। वहीं नवंबर में स्वर्ण ईटीएफ में 141 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।
इससे पहले साल 2019 में स्वर्ण ईटीएफ में महज 16 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश देखने को मिला था। हालांकि, 2019 में लगातार छह साल की शुद्ध निकासी के बाद गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध खरीदारी देखने को मिली थी।
पेटीएम मनी का उद्देश्य अधिक भारतीयों को अपनी बचत को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने और उन्हें धन सृजन के अवसर प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
भारत बांड ईटीएफ की दूसरी किस्त को जुलाई में पेश किया गया था और इसे तीन गुना से अधिक का अभिदान मिला था।
सरकार भारत बांड ईटीएफ की तीसरी किस्त चालू वित्त वर्ष में ही लाने की तैयारी कर रही है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक सितंबर तिमाही के दौरान सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सोने की मांग में गिरावट देखने को मिली है, सितंबर तिमाही दुनियाभर में सोने की मांग में 19 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है और कुल 892.3 टन सोने की मांग दर्ज की गई है।
एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) प्रतिभूतियों का एक संग्रह है, जिसे लोग स्टॉक एक्सचेंज में ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से खरीद या बेच सकते हैं।
बच्चों के लिए निवेश करने में बड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। हड़बड़ी में निवेश करने के बजाये ठंडे दिमाग से प्लानिंग करनी चाहिए।
2020 के पहले छह महीने में 6.5 अरब डॉलर की शुद्ध निकासी की गई
2020 में जुलाई तक गोल्ड ईटीएफ में निवेश का शुद्ध प्रवाह बढ़कर 4,452 करोड़ रुपये पर
लेटेस्ट न्यूज़