कंपनी ने बताया कि 30 सितंबर, 2020 तक कंपनी में प्रवर्तकों और प्रवर्तक समूह की हिस्सेदारी 68.94 फीसदी थी और सभी वारंट को शेयर में बदलने के बाद यह हिस्सेदारी बढ़कर 72.05 फीसदी हो जाएगी।
एएम-एनएस में आर्सेलरमित्तल की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है। शेष हिस्सेदारी निप्पन स्टील के पास है।
कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की ओर से स्वीकृत योजना के मुताबिक स्टेट बैंक को करीब 12,000 करोड़ रुपए मिलेंगे।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने सोमवार को कहा कि एस्सार स्टील मामले के समाधान से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंक के मुनाफे में सुधार आने की उम्मीद है।
सार्वजनिक क्षेत्र की सेल को संयुक्त उपक्रम की योजना पर आर्सेलरमित्तल के जवाब का इंतजार है।
एस्सार स्टील, अडाणी समूह और सार्वजनिक क्षेत्र की गेल इंडिया ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के नये उत्पादन क्षेत्रों से मिलने वाली प्राकृतिक गैस के बड़े हिस्सा खरीद लिया है।
उच्चतम न्यायालय ने एस्सार स्टील मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के चार जुलाई के आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया।
पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण का आदेश रद्द करते हुए कहा कि न्याय करने वाला न्यायाधिकरण वित्तीय मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
एस्सार समूह ने अपनी संपत्तियों को बेचकर अब तक 1.4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज चुका दिया है और बचा 10-15 प्रतिशत कर्ज अगली दो तिमाहियों में चुका दिया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि एस्सार स्टील के दिवाला एवं ऋणशोधन मामले की सुनवाई सात अगस्त को होगी और तब तक निगरानी समिति अपना काम जारी रखेगी।
एस्सार स्टील के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा लगता है कि धारा 29ए के तहत अपात्रता के बारे में नए तथ्य पर उचित तरह से विचार नहीं किया गया है।
एनसीएलएटी ने कहा कि समाधान पेशेवर निगरानी समिति का चेयरपर्सन होगा और यह कानून के अनुसार काम करके यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी परिचालन में बनी रहे।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बृहस्पतिवार को एनसीएलटी की अहमदाबाद पीठ को एस्सार स्टील के लिए आर्सेलरमित्तल की बोली पर आठ मार्च तक फैसला लेने निर्देश दिया।
एस्सार स्टील ने ईएसएएच पर वापस नियंत्रण हासिल करने के लिए 54,389 करोड़ रुपए के भुगतान की पेशकश की थी, जबकि आर्सेलर मित्तल का प्रस्ताव 42,202 करोड़ रुपए का था, जिसे सीओसी ने मंजूरी प्रदान की थी।
गेल इंडिया और गेटको ने एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए आर्सेलर मित्तल की योजना को खारिज करने की मांग के साथ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया है।
एस्सार स्टील के निदेशक मंडल और शेयरधारकों ने कंपनी को दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया (आईबीसी) से बाहर निकालने के लिए बैंकों को 54,389 करोड़ रुपए का भुगतान करने की पेशकश की है।
उच्चतम न्यायालय मंगलवार को एस्सार स्टील के लिए बोली लगाने की पात्रता के मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) द्वारा 7,000 करोड़ रुपए के भुगतान के समय की अवधि बढ़ाने के लिए आर्सेलरमित्तल की याचिका पर बुधवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गया।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को कहा कि एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए रूस के वीटीबी बैंक द्वारा समर्थित न्यूमेटल और वेदांता की दूसरे दौर की बोलियां वैध हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी आर्सेलर मित्तल ने बैंक कर्ज चुकाने में असफल रही उत्तम गाल्वा का बकाया निपटाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक में 7,000 करोड़ रुपए जमा करा दिए हैं
दिग्गज इस्पात उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल ने कहा कि यदि दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल को एस्सार स्टील के लिए बोली प्रक्रिया में हिस्सा लेने से अयोग्य ठहराया जाता है तो मुझे बहुत हैरानी होगी।
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