मार्च के महीने में ही 30,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ
जानकारों के मुताबिक MF बाजार में निवेश के लिए अच्छे मौके के इंतजार में
यह लगातार छठा साल रहा जब इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में शुद्ध निवेश हुआ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 में राहत के और उपाय करने के संकेत देने से भी निवेशकों की धारणा को बल मिला।
मुख्य रूप से धातु और बैंक शेयरों में नुकसान की वजह से बाजार में गिरावट रही। अमेरिका ने यूरोपीय सामान पर नया शुल्क लगाने की घोषणा की है।
इससे पहले एफपीआई ने मई में 9,031.15 करोड़ रुपए, अप्रैल में 16,093 करोड़ रुपए, मार्च में 45,981 करोड़ रुपए और फरवरी में 11,182 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
म्यूचुअल फंड उद्योग ने शेयर बाजारों में अस्थिरता रहने के बावजूद सितंबर माह में शेयर बाजार में 11,600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया,
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) से निवेशकों का लगातार मोहभंग होता जा रहा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गोल्ड ईटीएफ से 150 करोड़ रुपए की निकासी की गई। निवेशकों के लिए शेयर बाजार पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।
चीन का इक्विटी मार्केट के पास अब केवल एक बुरा दिन और बचा है और यह दुनिया का नंबर दो स्टॉक मार्केट का तमगा खो देगा। पिछले चार सालों से चीन का स्टॉक मार्केट दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेयर बाजार बना हुआ है।
साल 2018 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार में केवल 1.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है।
म्यूचुअल फंडों के प्रति निवेशकों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। यह बात इस आंकड़े से साबित हो जाती है कि अप्रैल-मई के दौरान निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों में 24,479 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
निवेशकों ने अप्रैल महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 12,400 करोड़ रुपए का भारी निवेश किया है। इस तरह उनके प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) रिकॉर्ड 8 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई हैं।
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी और स्थानीय स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से आय में वृद्धि के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले आठ कारोबारी दिनों में घरेलू पूंजी बाजार से 12,671 करोड़ रुपये (करीब दो अरब डॉलर) की निकासी की।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने एक्सचेंजों को एक अक्टूबर से इक्विटी डेरीवेटिव्स के कारोबार का समय बढ़ाकर रात 11:55 बजे तक करने की अनुमति दे दी है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से कुल मिलाकर 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पांच करोड़ से अधिक सब्सक्राइर्ब्स को जल्द ही अपने भविष्य निधि कोष में से एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये शेयरों में निवेश बढ़ाने या घटाने का विकल्प मिल सकता है।
म्यूचुअल फंड से मार्च महीने में निवेशकों ने 50,000 करोड़ रुपए की निकासी की। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार लिक्विड और डेट फंडों से माह के दौरान बड़ी राशि निकाली गई।
भारतीय कंपनियों ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान शेयर बाजार के जरिये 1,77,116 करोड़ रुपए जुटाए हैं। यह किसी भी वित्त वर्ष में जुटाई गई अब तक की सर्वाधिक राशि है।
बेहतर आय की उम्मीदों के चलते विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार में जनवरी में 3.5 अरब डॉलर (तकरीबन 22,000 करोड़ रुपए से अधिक) का निवेश किया है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (दीर्घावधि पूंजीगत लाभ) पर भी अब टैक्स देना होगा। अभी तक यह टैक्स फ्री था। इंडिया टीवी पैसा टीम आपको यहां विस्तार से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के बारे में पूरी जानकारी दे रही है
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