पिछले पांच सालों में, भारतीय बाजारों ने लगातार लगभग 15 प्रतिशत चक्रवृद्धि सालाना वृद्धि दर दी है, चीनी बाजार कहीं भी इसके करीब नहीं हैं। निवेशकों के पैसे के फ्लो और नए पेपर की सप्लाई के बीच असंतुलन के चलते पिछले पांच सालों में 40 प्रतिशत स्मॉल और मिडकैप शेयरों में 5 गुना बढ़ोतरी हुई है।
कंपनी अभी भी बाजार में 28,000 करोड़ रुपये के साथ शुद्ध निवेशक बनी हुई है। वहीं कंपनी को इस साल अगस्त तक बीमा पॉलिसी के नवीनीकरण प्रीमियम से 87,300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
इस साल अप्रैल से अब तक एफपीआई ने इक्विटी में 80,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसमें आधे से ज्यादा निवेश अकेले अगस्त में हुआ है।
जानकारों के मुताबिक MF बाजार में निवेश के लिए अच्छे मौके के इंतजार में
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 में राहत के और उपाय करने के संकेत देने से भी निवेशकों की धारणा को बल मिला।
मुख्य रूप से धातु और बैंक शेयरों में नुकसान की वजह से बाजार में गिरावट रही। अमेरिका ने यूरोपीय सामान पर नया शुल्क लगाने की घोषणा की है।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) से निवेशकों का लगातार मोहभंग होता जा रहा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गोल्ड ईटीएफ से 150 करोड़ रुपए की निकासी की गई। निवेशकों के लिए शेयर बाजार पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।
चीन का इक्विटी मार्केट के पास अब केवल एक बुरा दिन और बचा है और यह दुनिया का नंबर दो स्टॉक मार्केट का तमगा खो देगा। पिछले चार सालों से चीन का स्टॉक मार्केट दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेयर बाजार बना हुआ है।
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी और स्थानीय स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से आय में वृद्धि के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले आठ कारोबारी दिनों में घरेलू पूंजी बाजार से 12,671 करोड़ रुपये (करीब दो अरब डॉलर) की निकासी की।
भारतीय कंपनियों ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान शेयर बाजार के जरिये 1,77,116 करोड़ रुपए जुटाए हैं। यह किसी भी वित्त वर्ष में जुटाई गई अब तक की सर्वाधिक राशि है।
शुरुआती करोबार में सेंसेक्स ने 32,924.24 का ऊपरी स्तर छुआ है और फिलहाल 90.88 प्वाइंट की तेजी के साथ 32,851.32 के स्तर पर कारोबार कर रहा है
नवीतनम डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों (FPI) ने 3-27 अक्टूबर के दौरान डेट मार्केट में 15,132 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश किया।
PNB, SBI, केनरा और दूसरे सरकारी बैकों के शेयरों में रिकॉर्डतोड़ तेजी देखने को मिली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर PSU बैंक इंडेक्स रिकॉर्ड स्तर 4,041 तक पहुंचा
शुरुआती कारोबार में ही शेयर बाजार में सेंसेक्स 33,000 के पार कारोबार करता हुआ देखा गया और इसमें 400 प्वाइंट से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है
BSE का सेंसेक्स मंगलवार को 60.23 अंक मजबूत होकर 32,575 तथा NSE का निफ्टी 37.55 अंक की तेजी के साथ 10,115 अंक की नई रिकार्ड ऊंचाई पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की टॉप 10 में से 9 कंपनियों के मार्केट कैप में बीते सप्ताह 67,754.53 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। सबसे अधिक लाभ में RIL और TCS रही।
एशियाई बाजारों में कमजोरी के बावजूद घरेलू शेयर बाजार में तेजी बनी हुई है। NSE का निफ्टी 20 अंकों की बढ़त के साथ 9657 के स्तर पर कारोबार कर रहे थे।
गुरुवार को होने वाली जून फ्यूचर्स की एक्सपायरी से पहले घरेलू शेयर बाजार पर दबाव देखने को मिला। सेंसेक्स 124 अंक की गिरावट के साथ 30834 के स्तर पर बंद
घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत आज हल्की तेजी के साथ हुई थी, लेकिन कुछ मिनटों के दौरान ही सेंसेक्स 50 अंक टूटा और निफ्टी 9500 के नीचे फिसला।
मंगलवार के कारोबारी दिन घरेलू शेयर बाजार में हुई चौतरफा बिकवाली के चलते दोनों प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी दिन के निचले स्तर पर बंद हुए है।
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