विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले 6 दिनों में भारतीय शेयर बाजार में 2,200 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। इसकी अहम वजह कंपनियों के परिणामों का बेहतर रहना और कच्चे तेल की वैश्वित कीमतों का रुख नरम रहना है। इससे पहले पिछले दो माह में विदेशी निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजारों से 15,600 करोड़ रुपए की निकासी की।
मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग में सुधार करने का सोने पर उल्टा असर हुआ। बाद शेयर बाजारों में आई तेजी के आगे सोने की चमक फीकी पड़ गई।
निवेशक सोने की बजाये शेयरों में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं, जिससे दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोने का भाव 30 रुपए घटकर 30,250 रुपए प्रति दस ग्राम रह गया।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेशकों (FPI) का भारतीयों के मुकाबले यहां की अर्थव्यवस्था में ज्यादा भरोसा है।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड कोषों (ईटीएफ) को लेकर निवेशकों का आकर्षण कम हुआ है। अप्रैल में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 66 करोड़ रुपए की निकासी की है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों एफपीआई ने कराधान को लेकर स्पष्टता के बीच इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों में 14,600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
पिछले काफी लंबे समय से भारत के मध्यम वर्गीय परिवार अपनी बचत को सुरक्षित रखने और तय रिटर्न पाने के लिए सोना और बैंक डिपॉजिट का विकल्प चुनते आ रहे हैं।
विदेशी निवेशकों का भारत को लेकर रुख सकारात्मक बना हुआ है। FPI ने शेयरों में अप्रैल में 8,416 करोड़ रुपए तथा मार्च में 21,143 करोड़ रुपए निवेश किए।
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