ईपीएफओ ने महामारी के दौरान 52 लाख कोविड-19 दावों का निपटान किया है और अपने सदस्यों को 13,300 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई है।
सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी कुछ दिन में मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अंशधारकों के खातों में ब्याज इसी महीने डाला जाएगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) वित्त वर्ष 2019-20 के लिए करीब छह करोड़ अंशधारकों के कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खातों में दिसंबर के अंत तक एकमुश्त 8.5 प्रतिशत का ब्याज डालेगा।
Atmanirbhar Bharat Rozgar Yojana: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आत्मनिर्भर भारत पैकेज तीन के तहत कोविड रिकवरी फेज में औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने और नए रोजगार अवसरों को प्रोत्साहित किए जाने को मंजूरी दी है।
जैसे ही किसी कर्मचारी का पीएफ खाता खुलता है, तब वह बाई-डिफॉल्ट इंश्योर्ड भी हो जाता है। एम्प्लॉई डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (ईडीएलआई) के तहत कर्मचारी का 6 लाख रुपये तक का बीमा होता है।
सामान्य तौर पर पेंशनभोगियों को हर साल 30 नवंबर तक अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराना अनिवार्य होता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र (जेपीपी) देने की समयसीमा 28 फरवरी, 2021 तक बढ़ा दी है।
ईपीएफओ को उमंग मोबाइल एप पर 25 लाख से अधिक लेनदेन रजिस्टर करने को लेकर प्लेटिनम पार्टनर पुरस्कार दिया गया है।
खबरों में कहा गया था कि सितंबर की तुलना में अक्टूबर 2020 के दौरान ईपीएफओ की सामाजिक योजनाओं में योगदान देने वाली 30,800 कंपनियां घटी हैं जबकि अंशधारकों की संख्या 18 लाख कम हुई है। इस खबर को EPFO ने गलत बताया है।
जीवन प्रमाण पत्र को इन सभी प्रकारों या एजेंसियों के माध्यम से जमा कराया जा सकता है और यह सभी तरीकों से मान्य होगा।
सीतारमण ने कहा कि कर्मचारी का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) दोनों को मिलाकर वेतन का कुल 24 प्रतिशत हिस्से का भुगतान दो साल तक सरकार द्वारा प्रतिष्ठानों को किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय न्यूनतम पेंशन में वृद्धि करने के श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है। श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमति के चलते न्यूनतम पेंशन डबल करने घोषणा जल्द हो सकती है।
ईपीएफओ के सितंबर में जारी अस्थायी पेरोल आंकड़े में इस साल जुलाई के दौरान EPFO से शुद्ध रूप से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या 8.45 लाख बतायी थी। आज जारी हुए इस आंकड़े को अब संशोधित कर 7.48 लाख कर दिया गया है।
ईपीएफओ (EPFO) सदस्य तीन माह का बेसिक वेतन (बेसिक वेतन और महंगाई भत्ता) या अपने कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (EPF) खाते में जमा कुल राशि का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो उसे निकाल सकता है।
कोई भी संबंधित पक्ष जहां पर उनका पीएफ खाता है, उस संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर पर व्हाट्सऐप संदेश के माध्यम से, ईपीएफओ से जुड़ी सेवाओं को लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कर सकता है।
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज को दो किस्तों में देने का ऐलान किया है। पहली किस्त दिवाली से पहले मिल सकती है। EPF बैलेंस जानने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसमें एसएमएस, ईपीएफओ पोर्टल, उमंग एप और मिस्ड कॉल शामिल हैं।
ईपीएफओ के पास शुद्ध रूप से पंजीकरण औसतन हर महीने करीब 7 लाख रहता है। ताजा पेरोल आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में शुद्ध रूपसे नये अंशधारकों की संख्या बढ़कर 78.58 लाख रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 61.12 लाख थी।
इस तरह बीच में पैसा निकालने के लिए EPFO के कुछ नियम हैं, जिनके तहत ही पैसा निकाला जा सकता हैं।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने बुधवार को 2019-20 के लिए ईपीएफ सदस्यों को 8.5 प्रतिशत ब्याज का भुगतान दो किस्तों में करने को भी अपनी मंजूरी दी है।
शेष 0.35 प्रतिशत ब्याज का भुगतान इस साल दिसंबर तक अंशधारकों के ईपीएफ खातों में किया जाएगा।
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