ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ईपीएफओ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज की दर में कुछ कटौती कर सकती है।
ईपीएफओ के एक अधिकारी ने कहा कि लगभग 8 से 10 प्रतिशत पीएफ सब्सक्राइर्ब्स को उनके खाते में ब्याज की राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
देश के 8 करोड़ पीएफ खाता धारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब ईपीएफओ धारकों के लिए अपना अकाउंट बैलेंस पता करना आसान हो गया है।
श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सोमवार को लोक सभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि ईपीएफओ ने महामारी के दौरान 31 जनवरी, 2021 तक कुल 60.88 लाख कोविड-19 एडवांस दावों का निपटारा किया है और इसके तहत कुल 15,255.95 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
ईपीएफओ ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 में मोटी सैलरी वाले 1.23 लाख लोगों ने अपने ईपीएफ खाते में 62,500 करोड़ रुपये जमा कराए हैं।
सरकार ने कहा कि ऐसा पता चला है कि कुछ कर्मचारी विभिन्न भविष्य निधियों में बड़ी राशि जमा कर रहे हैं और अधिनियम की धारा 10 के उपबंध (11) और उपबंध (12) के अंतर्गत इस राशि पर अर्जित पूरा ब्याज करमुक्त है।
इस बात का भी संकेत देता है कि भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों में हो रही गिरावट के साथ ही सदस्य अपनी नौकरी पर वापस लौट रहे हैं।
अगर आप भी अपने प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ अकाउंट से पैसा निकालने की प्लानिंग कर रहे हैं और नहीं चाहते हैं कि आपको बार-बार पीएफ ऑफिस के चक्कर काटने पड़ें तो ये खबर आपके काम की हो सकती है।
पीपीएफ एकाउंट (PPF account ) में हर साल न्यूनतम निवेश की रकम नहीं डाले जाने पर यह खाता इनएक्टिव यानी निष्क्रिय हो जाता है।
आप इन आसान तरीकों से पीएफ खाते का बैलेंस चेक करने के साथ ही यदि पीएफ ब्याज का पैसा न आया हो तो शिकायत भी कर सकते हैं।
EPFO के करीब 6 करोड़ से अधिक सदस्य कर्मचारियों के पीएफ खातों में ब्याज की राशि ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है।
श्रम मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्देश पहले ही ईपीएफओ को भेज दिया था और निकाय ने पिछले वित्त वर्ष के लिए खाताधारकों के खातों में ब्याज जमा करना शुरू कर दिया है।
वित्त मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को ईपीएफ के लिए ब्याज दर की अधिसूचना जारी करने के लिए औपचारिक मंजूरी दे दी है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के करीब 6 करोड़ से अधिक सदस्य कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी है। सरकार इन्हें नए साल का तोहफा देने जा रही है।
नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में मूल वेतन का 12-12 प्रतिशत योगदान देना होता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने 6 करोड़ अंशधारकों को कई तरह की सुविधाएं देता है। आप घर बैठे एसएमएस भेजकर पीएफ अकाउंट का बैलेंस चेक कर सकते हैं इतना ही नहीं आप पीएफ खाते में जमा रकम को दूसरे पीएफ खाते में ट्रांसफर भी कर सकते हैं।
इंडिया टीवी पैसा आपको दोनों ही तरीके बताने जा रहा है। आप इन पर अमल कर सरलता से ईपीएफ खाते को आधार से लिंक कर सकते हैं।
इस वर्ष अक्टूबर में ईपीएफओ के 7.15 लाख नए सदस्य बने और इसके साथ 6.80 लाख सदस्य सदस्यता छोड़ने के बाद इसमें फिर से शामिल हुए। इस दौरान 2.40 लाख अंशधारक ईपीएफओ से अलग हुए। इस तरह शुद्ध प्रविष्टियां 11.55 लाख रहीं।
श्रम मंत्रालय ने अब वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देय ब्याज की रकम को 8.5 प्रतिशत की दर से एकबार में ही ईपीएफ खाते में डालने का सुझाव दिया है।
सरकार ने इस साल मार्च में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े छह करोड़ से अधिक अंशधारकों को उनके भविष्य निधि खाते से महंगाई भत्ते सहित अधिकतम तीन माह का मूल वेतन निकालने की अनुमति दे दी थी।
लेटेस्ट न्यूज़