ईपीएफओ ने कुल 18 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें से 85 प्रतिशत डेट मार्केट में और 15 प्रतिशत एक्चेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के जरिये इक्विटीज में लगा है।
मंत्रालय के ताजा निर्णय के अनुसार ऐसे पेंशनभोगियों को 15 साल बाद पूरी पेंशन प्राप्त होगी।
ईपीएफओ अभी एक प्रक्रिया पर काम कर रहा है, जहां एक व्यक्ति अपने रिटायरमेंट के दिन अपने प्रोविडेंट फंड को प्राप्त करने में सक्षम होगा और समय पर पेंशन लाभ प्राप्त कर पाएगा।
आपके पैसे को लेकर कई तरह के नियम नए साल यानी 1 जनवरी 2020 से बदल जाएंगे। जानिए कहां-कहां होने वाला है आपका फायदा।
श्रम मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन कोष से एक मुश्त आंशिक निकासी यानी 'कम्युटेशन' की सुविधा एक जनवरी 2020 से देगा।
ताजा आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2017 से अक्टूबर, 2019 के दौरान 2.93 करोड़ अंशधारक कर्मचारी भविष्य निधि योजना से जुड़े।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सब्सक्राइबर्स के लिए एक नवंबर से दो नई सुविधाओं की शुरुआत की है।
श्रम मंत्रालय सकारात्मक पहल करते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को रोजगार देने वाली सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार ईएसआईसी के साथ 2018-19 में कुल मिलकार 1.49 करोड़ नए नौकरीपेशा लोग जुड़े।
अभी तक ईपीएफओ 2017-18 के लिए मंजूर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत के हिसाब से ईपीएफ निकासी दावों का निपटान कर रहा था।
न्यासियों के केंद्रीय बोर्ड ने इस साल फरवरी में पिछले वित्त वर्ष के लिए 8.65 प्रतिशत ब्याज दर को अपनी मंजूरी दी थी।
गंगवार ने कहा कि त्यौहारी सीजन से पहले ईपीएफओ के 6 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान उनके खातों में कर दिया जाएगा।
श्रम मंत्रालय 2018-19 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को जल्द अधिसूचित करेगा। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को इस ब्याज दर पर किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है।
ईपीएफओ कर्मचारी डेटाबेस के माध्यम से सत्यापन की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रहा है।
देश में जून महीने में 12.19 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, इससे पिछले महीने की तुलना में जून में रोजगार में कमी आई है। मई में 12.88 लाख नए रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ था।
वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज देने के बाद भी ईपीएफओ के पास 3,150 करोड़ रुपए का सरप्लस शेष बचेगा।
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बैठक के बाद बताया कि ईपीएफओ ने ईपीएफ सदस्यों के 91 प्रतिशत दावों को ऑनलाइन मोड से निपटाया है।
सूत्र ने आगे बताया कि सीबीटी ने डीएचएफएल के बांड में करीब 700 करोड़ रुपए के निवेश को समय से पहले भुनाने का निर्णय किया है।
नौकरी करने वालों के लिए ये खबर बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले सप्ताह अपने फंड मैनेजर को बदलने पर विचार कर रही है। ईपीएफओ इसको लेकर अगले सप्ताह न्यासियों की बैठक में कोष प्रबंधकों के रूप में एचएसबीसी एएमसी, यूटीआई एएमसी और एसबीआई म्यूचुअल फंड को नियुक्त कर सकता है।
इस साल अप्रैल में 10.88 लाख रोजगार सृजित हुए। यह पिछले साल इसी महीने में हुये 10.77 लाख रोजगार सृजन के मुकाबले थोड़ा अधिक है।
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