ईपीएफओ ने इससे पहले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश किये गये अपने कोष को बाजार में बेचने की योजना बनाई थी। ईपीएफ अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का पूरा भुगतान करने के लिये यह निर्णय लिया गया था लेकिन कोविड-19 के कारण बाजार में भारी उठापटक के चलते ऐसा नहीं किया जा सका।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अगस्त अवधि के दौरान ईपीएफओ ने पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 32 प्रतिशत अधिक दावों का निपटारा किया है। वहीं इस दौरान वितरित की गई राशि में भी करीब 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत सरकार ने कोरोना वायरस की संकटपूर्ण स्थिति में वापस न करने वाली अग्रिम भुगतान योजना का प्रावधान किया है।
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मई में नए पंजीकरण की संख्या संशोधित होकर 1.72 लाख
ईपीएफओ भारत में संगठित और अर्द्ध-संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के सामाजिक सुरक्षा कोष का प्रबंधन देखता है। इसके 6 करोड़ से अधिक सक्रिय सदस्य हैं।
इंश्योरेंस कवर के लिए कर्मचारी को नहीं देनी होती है अलग से कोई भी राशि
ईपीएफओ ने 28 मार्च को कर्मचारियों को राष्ट्रव्यापी पाबंदी की वजह से पैदा हुई दिक्कतों के मद्देननजर ईपीएफओ से अग्रिम निकालने की अनुमति दी थी।
ईपीएफओ ने फैसला किया है कि परिचालन या आर्थिक कारणों से इस तरह की देरी को डिफ़ॉल्ट और दंडनीय नुकसान नहीं माना जाना चाहिए। इस तरह की देरी के लिए जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए।
लॉकडाउन की वजह से जारी मुश्किलों के बाद लिया गया फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्यौरा देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज यह ऐलान किया कि 15 हजार से तक वेतन पानेवाले कर्मचारियों का पीएफ अगले तीन महीने तक सरकार देगी।
EPFO के कर्मचारियों ने स्वेच्छा से 1 दिन का वेतन कोष में दिया है।
कुल दावों में से 7.4 लाख दावे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत निपटाए गए
इसमें से 6 लाख दावों के आवेदन कोरोना संकट से निपटने की राहत योजना के तहत मिले।
कर्मचारी भविष्य निधि सदस्य अब अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते में जमा राशि के 75 प्रतिशत तक अथवा 3 माह के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर राशि, जो भी कम हो, निकाल सकते हैं।
वित्त मंत्री ने हाल ही मे किया था राहत का ऐलान
Employees Deposit Linked Insurance Scheme(EDLI) is an insurance cover provided by EPFOअबतक EDLI के लिए भुगतान उन सदस्यों को नहीं किया जाता था जिन्होंने मृत्यु से ठीक 12 महीने पहले किसी एक संस्थान में लगातार 12 महीने काम नहीं किया है।
2019-20 के लिए अब 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जाएगा। इससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ जमा पर ब्याज की दर 8.65 प्रतिशत थी।
श्रम मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को कायम रखने का इच्छुक है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
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