देश के करीब 8 करोड़ कर्मचारी अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से दी जाने वाली भविष्य निधि (PF) निवेश करते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन EPFO ने कर्मचारियों को अपने आधार को उनके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर UAN से जोड़ना अनिवार्य कर दिया हैं।
सीतारमण ने पीएफ खाते में जमा की जाने वाली राशि की सीमा को 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह नियम केवल उन मामलों पर ही लागू होगा, जहां नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के पीएफ खाते में कोई अंशदान नहीं किया जाता है।
कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) 1995 एक निर्धारित अंशदान-निर्धारित लाभ वाली सामाजिक सुरक्षा योजना है।
यदि आप भी नौकरी पेशा हैं और कंपनी आपका पीएफ (EPF) काटती है या आप खुद अपनी मर्जी से अपना पीएफ (VPF)कटवाते हैं, तो 1 अप्रैल यानि नए वित्त वर्ष से आपके लिए नियमों में बदलाव होने जा रहा है।
कोरोना संकट के बीच लोगों को बीते 2020 के साल ने सिर्फ लोगों से अपनों की जिंदगियां छीनीं वहीं नौकरियों के मामले में भी बीता साल काल बनकर आया।
EPF में योगदान करने वाले प्रत्येक कर्मचारी को 12 अंकों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर, या यूएएन दिया जाता है।
ईपीएफओ ने अनुमानों के उलट निवेशकों को बड़ी खुशखबरी दी है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर की घोषणा चार मार्च को कर सकता है।
ईपीएफओ ने अपने सदस्यों के जीवन को और ज्यादा सुगम बनाने के लिए व्हाट्सएप आधारित हेल्पलाइन-सह-शिकायत निवारण प्रणाली की शुरुआत की है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक उसके पास शुद्ध नए पंजीकरण की संख्या दिसंबर में 24 प्रतिशत बढ़कर 12.54 लाख हो गई।
देश में करीब 40 लाख भविष्य निधि (पीएफ) अंशधारकों के खाते ऐसे भी हैं जिन्हें ब्याज का फायदा नहीं मिल सका है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ईपीएफओ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज की दर में कुछ कटौती कर सकती है।
ईपीएफओ के एक अधिकारी ने कहा कि लगभग 8 से 10 प्रतिशत पीएफ सब्सक्राइर्ब्स को उनके खाते में ब्याज की राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
देश के 8 करोड़ पीएफ खाता धारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब ईपीएफओ धारकों के लिए अपना अकाउंट बैलेंस पता करना आसान हो गया है।
श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सोमवार को लोक सभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि ईपीएफओ ने महामारी के दौरान 31 जनवरी, 2021 तक कुल 60.88 लाख कोविड-19 एडवांस दावों का निपटारा किया है और इसके तहत कुल 15,255.95 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
ईपीएफओ ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 में मोटी सैलरी वाले 1.23 लाख लोगों ने अपने ईपीएफ खाते में 62,500 करोड़ रुपये जमा कराए हैं।
सरकार ने कहा कि ऐसा पता चला है कि कुछ कर्मचारी विभिन्न भविष्य निधियों में बड़ी राशि जमा कर रहे हैं और अधिनियम की धारा 10 के उपबंध (11) और उपबंध (12) के अंतर्गत इस राशि पर अर्जित पूरा ब्याज करमुक्त है।
इस बात का भी संकेत देता है कि भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों में हो रही गिरावट के साथ ही सदस्य अपनी नौकरी पर वापस लौट रहे हैं।
अगर आप भी अपने प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ अकाउंट से पैसा निकालने की प्लानिंग कर रहे हैं और नहीं चाहते हैं कि आपको बार-बार पीएफ ऑफिस के चक्कर काटने पड़ें तो ये खबर आपके काम की हो सकती है।
लेटेस्ट न्यूज़