आठ साल पहले तय की गई 1,000 रुपये की मासिक पेंशन अब काफी कम है।
पीएफ खातों पर ब्याज ले रहे ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को अब कम ब्याज मिलेगा और ये उनके घर आने वाली कमाई को कम करेगा। EPFO ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ब्याज दरों को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है।
ट्रस्टी की इस बैठक में ब्याज दर पर जो फैसला लिया जाएगा उसे मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है।
वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। एक सूत्र ने कहा, ईपीएफओ के सदस्यों के बीच ऊंचे योगदान पर अधिक पेंशन की मांग की गई है।
क्या ईपीएफओ 2021-22 के लिए भी 2020-21 की तरह 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर को कायम रखेगा, यादव ने कहा कि यह फैसला अगले वित्त वर्ष के लिए आमदनी के अनुमान के आधार पर किया जाएगा।
अगर आपका भी EPF कटता है तो अपने खाते में जमा पैसों की जानकारी आप सेकेंडों में पा सकते हैं।
सरकार ने अल्टरेनिटिव इनवेस्टमेंट फंड्स में निवेश को इसी साल मंजूरी दी है। फैसले के नोटिफिकेशन के बाद बोर्ड की ये पहली बैठक है।
इस डेथ रिलीफ फंड के तहत 2006 में सिर्फ 50000 रुपये ही आश्रित को दिए जाते थे। इसके बाद इसे 50 हजार से 4.20 लाख रुपये तक किया गया।
ईपीएफ ब्याज दर हर महीने उनकी सैलरी से होने वाली अनिवार्य कटौती पर एक रिटर्न है और इसका भुगतान दिवाली से पहले होने पर जरूर उन्हें खुशी मिलेगी।
एनएसओ की रिपोर्ट ईएसआईसी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) की योजनाओं से जुड़ने वाले नए अंशधारकों के आंकड़ों पर आधारित है।
नये सदस्यों की कुल संख्या का 60 प्रतिशत हिस्सा महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक के प्रतिष्ठानों का रहा है। वहीं इसमें 49 प्रतिशत हिस्सा 18 से 25 आयुवर्ग का है।
ये आंकड़े देश में संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को दर्शाते हैं। ईपीएफओ के सोमवार को जारी अस्थायी पेरोल आंकड़ों के अनुसार जुलाई, 2021 में शुद्ध रूप से 14.65 लाख नए सदस्य जोड़े गए।
कोविड-19 की दूसरी लहर इस साल मध्य अप्रैल से शुरू हुई थी, जिसने कई राज्यों को फिर से लॉकडाउन प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर किया।
पीएफ रिटर्न को आधार सत्पापित यूएएन के जरिये जमा कराने की समयसीमा को असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा के लिए 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
पीएफ पर मिलने वाला 8.5 प्रतिशत ब्याज अन्य प्रोविडेंट फंड जैसे जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) और बचत योजनाओं जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (7.1 प्रतिशत) और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (6.8 प्रतिशत) की तुलना में ज्यादा है।
आयकर कानून नियम, 1962 में नियम 9डी जोड़ा गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पीएफ खातों में अलग से खाते बनाने होंगे। इसमें भविष्य निधि में कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान और उस पर मिलने वाले ब्याज को अलग-अलग दिखाना होगा।
31 अगस्त 2021 के बाद जो पीएफ अकाउंट आधार से लिंक नहीं होंगे, उनमें इंप्लॉयर की ओर से पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन जमा होने में दिक्कत होगी।
ईपीएफओ देश का प्रमुख संगठन है जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के क़ानून के तहत शामिल संगठित / अर्ध-संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
EPFO ने सोशल सिक्योरिटी कोड 2020 के तहत आधार लिंक का फैसला लिया था। इस नियम के तहत सभी अकाउंट होल्डर्स का UAN भी आधार वेरिफाइड होना जरूरी है।
वित्त वर्ष 2020-21 में ईपीएफओ को इक्विटी निवेश 31,025 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2019-20 में 32,377 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2018-19 में 27,743 करोड़ रुपये रहा।
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