एलआईसी बीमा सखी योजना के तहत किसी व्यक्ति की नियुक्ति को निगम के कर्मचारी के रूप में वेतनभोगी नियुक्ति नहीं माना जाएगा। मौजूदा एलआईसी एजेंट या कर्मचारी के रिश्तेदार एलआईसी बीमा सखी के रूप में भर्ती होने के पात्र नहीं होंगे।
नई कुटीर नीति-2024 पांच वर्षों तक लागू रहेगी। इसका उद्देश्य एक आत्मनिर्भर कुटीर उद्योग क्षेत्र विकसित करना और कारीगरों के लिए स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के दरवाजे खोलना है।
जुलाई में ईपीएफओ द्वारा 4.41 लाख महिला सदस्य जोड़े गए, जिनमें 3.05 लाख नई सदस्य शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि महिला रोजगार में भी वृद्धि हुई है।
आईटी क्षेत्र में भर्ती में इस साल जुलाई में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई। कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग (एआई-एमएल) क्षेत्र ने 47 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा।
भारत ने पिछले साल पर्यटन से 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा अर्जित की हैं, जो 65.7 प्रतिशत की सालाना वृद्धि है। पर्यटन क्षेत्र में रोजगार को संगठित बनाने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने अतुल्य भारत पर्यटन सुविधा प्रदाता प्रमाणपत्र कार्यक्रम शुरू किया है।
पिछले साल देश में वित्तीय सेवाओं में 46.86 लाख नौकरियां पैदा हुईं। इनमें से सिर्फ 27.5 लाख नौकरियां ही भरी गईं। इससे पता चलता है कि 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं था।
बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी को देखते हुए उपभोग मांग कोई समस्या नहीं बनने जा रही है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का दायरा बढ़ाने की वकालत की।
एसबीआई रिसर्च ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), एनपीएस (NPS) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के आंकड़ों की स्टडी पर आधारित यह आंकड़ा जारी किया है।
सर्वेक्षण के अनुसार, बेरोजगारी दर पिछले साल जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर में 7.2 प्रतिशत थी। वहीं अप्रैल-जून, 2022 में यह 7.6 प्रतिशत थी।
श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, EPFO का पहली बार हिस्सा बनने वाले सदस्यों में सर्वाधिक 2.17 लाख की संख्या 18-21 साल के उम्र वाले कर्मचारियों की रही।
रिपोर्ट में सरकार को सुझाव दिया है कि नागरिकों के लिए अच्छी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए ‘काम का अधिकार’ कानून बनाना चाहिए।
Employment News: जुलाई में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर घटकर 6.14 प्रतिशत रह गई । वहीं शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.21 प्रतिशत हो गई जो एक महीने पहले 7.80 प्रतिशत थी।
ये आंकड़े कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद राज्यों द्वारा लॉकडाउन प्रतिबंधों को हटाने के चलते आर्थिक गतिविधियों में हुए सुधार को दर्शाते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, पोर्टल पर पंजीकृत 5.72 करोड़ कामगारों में से 50.94 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं और 49.55 प्रतिशत पुरुष हैं।
एनएसओ की रिपोर्ट ईएसआईसी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) की योजनाओं से जुड़ने वाले नए अंशधारकों के आंकड़ों पर आधारित है।
राज्य सरकार के अनुसार महज साढ़े तीन साल में देश तथा विदेश के बड़े-बड़े उद्योगपती 89,408.82 करोड़ रुपये का निवेश कर अपनी फैक्ट्री लगा रहे हैं।
प्रमुख भारतीय ग्लोबल बिजनेस समुह डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ कंपनीज (DPGC) ने 40 लाख भारतीयों को नौकारी देने के साथ ही इसके जरिए इस वित्त संकट से देश को मुक्त करने के लिए रोजगार सृजन के उपायों की घोषणा की है।
भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के आने और उसके बाद कई जगहों पर लॉकडाउन लगाए जाने के साथ ही अप्रैल में नौकरियों की जानकारी संबंधी गतिविधि में तीन प्रतिशत की कमी आयी।
गिग अर्थव्यवस्था यानी कुछ समय के लिये नियुक्त किये जाने वाले कर्मचारियों की व्यवस्था से गैर-कृषि क्षेत्रों में 9 करोड़ रोजगार सृजन में मदद मिल सकती है।
अप्रैल 2020 और जनवरी 2021 के बीच तकनीकी क्षेत्र से जुड़ी नौकरियों के लिए भर्ती महामारी से पहले के स्तर से लगातार ऊपर बनी हुई है। इसमें नवंबर 2020 में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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